बलरामपुर- घटना कुछ इस प्रकार से है कि वादी  अब्दुल सलाम पुत्र अमरुद्दीन निवासी चोरघटिया थाना तुलसीपुर बलरामपुर द्वारा एक अदद तहरीर दी गई कि मेरे बड़े भाई मोहरम अली के ऊपर रात्रि में अज्ञात व्यक्ति द्वारा धारदार हाथियार से हमला कर दिया गया है जिससे उसका बाये हाथ का पंजा कट गया है तथा चेहरे पर बाये तरफ व सिर में गम्भीर चोट आई है इस सूचना के आधार पर  थाना तुलसीपुर में अज्ञात पर मामला पंजीकृत कर विवेचनात्मक कार्यवाही की गयी। 
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार द्वारा थाना तुलसीपुर क्षेत्रांतर्गत हुई उक्त जानलेवा हमले की घटना के सफल अनावरण व अभियुक्त गिरफ्तारी हेतु दिए गए निर्देश के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय व क्षेत्राधिकारी तुलसीपर बृजनन्दन राय के पर्यवेक्षण में तथा प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार दूबे थाना तुलसीपुर जनपद बलरामपुर के कुशल नेतृत्व में थाना तुलसीपुर पुलिस टीम द्वारा थाना स्थानीय पर पंजीकृत  बनाम अज्ञात के सफल अनावरण व अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु प्रयास किये जा रहे थे कि दिनांक 28.07.2025 को आजाद पुत्र मोहरम अली निवासी चोरघटिया थाना तुलसीपुर जिला बलरामपुर ने थाना आकर बताया कि मैंने ही अपने पिता मोहरम अली को जान से मारने की नियत से बोगदा (गड़ासा) से मारकर गड़ासा घर के पीछे छुपा दिया था और मैं भाग गया था। अभियुक्त की निशानदेही पर घटना मे प्रयुक्त एक अदद बोगदा मोहरम अली के घर के पीछे से बरामद कर मुकदमा उपरोक्त मे धारा 109 BNS की बढोत्तरी कर अभिo आजाद को गिरफ्तार कर कर लिया गया। 
 गिरफ्तार अभियुक्त से कड़ाई से पूंछताछ करने पर उसके द्वारा बताया कि साहब हम दो भाई हैं मेरा छोटा भाई सहजाद है। मेरे पिता मोहरम अली शराबी है । हम दोनों भाई को आये दिन शराब पीकर मारता पीटता गाली गलौज करता था मैं अपनें पिता के डर से 6,7 साल से मुम्बई जाकर काम करने लगा और मैं जो भी पैसा कमाता था उसको मेरे पिता जबरदस्ती गाली गुप्ता मार पीट कर पूरा पैसा ले लेते थे और खुद भीख मांगते थे और हम दोनो भाइयें से भी मस्जिद व मजारों पर भीख मांगने के लिए दबाव बनाते थे हमारे दोस्त यार हम दोनो भाइयों को भिखारी-भिखारी कहकर चिढ़ाते थे और हम लोग कमाकर जो भी पैसा इकठ्ठा करते थे सब पैसा लेकर वापस तुलसीपुर चले आते थे। हम अपनें पिता इन्ही सब हरकतो से तंग आ गये थे और मैनें अपनें मन ही मन में तय कर लिया कि अब मैं अपनें पिता मोहरम अली को जान से मार डालूंगा नही तो हम लोगों का इज्जत से जीना हराम कर देगे और मैं अपने पिता को जान से मारनें के लिए प्लान बनाकर बम्बई से ही बोगदा भंगार (कबाड़) से ले लिया था और घर आकर देखा कि मेरे पिता घर की छत पर सोये थे मैं सीढ़ी के रास्ते चुपके से छत पर पहुँचकर अपने पिता मोहरम अली को जान से मारनें की नियत से बोगदा (गड़ासा) से हमला कर दिया शोर सुनकर पड़ोसी जो छत पर सो रहे थे वो जग गये तो मैं छत से पीछे बोगदा लेकर कूदकर भाग गया और बोगदा को  भागते समय छुपा दिया था जिसे पुलिस को मैने बरामद करा दिया है। 

          हिन्दी संवाद न्यूज से
            रिपोर्टर वी. संघर्ष
              बलरामपुर। 

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