छांगुर का मामला अभी शांत नहीं हुआ है कि धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के कई सदस्यों को आज आगरा में गिरफ़्तार किया गया। 
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और कट्टरपंथी गतिविधियों से जुड़ा एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। 
आगरा से पकड़ा गया इमरान शरीफ उसी नेटवर्क से जुड़ा बताया जा रहा है, 
जो युवाओं को भ्रमित कर लव जिहाद, जबरन धर्मांतरण और देशविरोधी मानसिकता की ओर धकेल रहा था। 
यह कार्रवाई एटीएस की सतर्कता का परिणाम है, 
जिसने दिल्ली, गोवा, जयपुर, कोलकाता, मुजफ्फरनगर और आगरा सहित कई स्थानों पर छापेमारी कर 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।

इस मामले की गंभीरता तब और बढ़ जाती है जब हम कुछ दिन पहले बलरामपुर के छांगुर प्रकरण को याद करते हैं, 
जहाँ एक मौलवी ने कथित रूप से 1500 से अधिक महिलाओं का जबरन धर्मांतरण कराया था। 
उस प्रकरण ने सामाजिक चेतना को झकझोर कर रख दिया था, 
और अब आगरा की गिरफ्तारी उसी श्रृंखला की अगली कड़ी प्रतीत होती है।
गिरफ्तार आरोपियों के संबंध पीएफआई, एसडीपीआई और अंतरराष्ट्रीय आतंकी विचारधाराओं जैसे ISIS से भी जुड़े पाए गए हैं। 
यह कोई साधारण मामला नहीं है, बल्कि एक विचारधारात्मक हमला है 
जिसका उद्देश्य युवाओं की सोच को तोड़ना, समाज में विभाजन पैदा करना और राष्ट्रविरोधी मानसिकता को बढ़ावा देना है।
यह समय है कि समाज सजग हो और अपनी संस्कृति व पहचान को सुरक्षित रखने के लिए एकजुटता दिखाए। 
हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे खतरों को पहचाने और आवश्यक मंचों पर इसकी सूचना दे।

                 रिपोर्ट
            हिन्दी संवाद न्यूज


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