मुख्यमंत्री ने पी0सी0एस0-2022 और 2023 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों से संवाद किया

मुख्यमंत्री ने राज्य प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को सफल और प्रभावी अधिकारी बनने के लिए ’संवाद, संवेदनशीलता और सकारात्मकता’ का मंत्र दिया

उ0प्र0 जैसे बड़े राज्य के प्रशासन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनना बहुत चुनौतियों से भरा, यह चुनौतियां ही अधिकारियों के व्यक्तित्व को निखारेंगी : मुख्यमंत्री

लोगों को त्वरित न्याय दिलाना आपकी कार्यशैली का हिस्सा होना चाहिए

जनता से जुड़ाव और फैसलों में मेरिट को प्राथमिकता दें, एक अधिकारी के रूप में गरीब और कमजोर वर्ग के प्रति संवेदनशील व्यवहार रखें

भूमि विवादों, पैमाइश और मेड़बंदी जैसे विषयों के प्रति विशेष संवेदनशीलता जरूरी

अधिकारियों से जनहित को सर्वोपरि रखने और निर्णय प्रक्रिया में ईमानदारी व निष्पक्षता को प्राथमिकता देने का आह्वान

प्रशासनिक सेवा में जनता का विश्वास अर्जित करना सबसे बड़ी पूंजी

प्रशिक्षु अधिकारियों की ऊर्जा, नवाचार और समर्पण से प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को एक नई गति और दिशा मिलेगी

लखनऊ : 04 जुलाई, 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर पी0सी0एस0-2022 बैच के 07 और 2023 बैच के 38 प्रशिक्षु अधिकारियों से संवाद किया। उन्होंने राज्य प्रशासनिक सेवा (पी0सी0एस0) के प्रशिक्षु अधिकारियों को सफल और प्रभावी अधिकारी बनने के लिए ’संवाद, संवेदनशीलता और सकारात्मकता’ का मंत्र देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के प्रशासन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनना बहुत चुनौतियों से भरा है। यह चुनौतियां ही उनके व्यक्तित्व को निखारेंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसा विशाल और विविधताओं से भरा राज्य प्रशासनिक रूप से भी अनेक चुनौतियों से जुड़ा है। ऐसे राज्य की सेवा का अवसर प्राप्त होना न केवल गौरव की बात है, बल्कि यह आपके व्यक्तित्व और दृष्टिकोण को गहराई से परखने और निखारने का माध्यम भी है। प्रशिक्षण के उपरान्त प्रारम्भिक 05-06 वर्षों का व्यवहार, दृष्टिकोण और कार्यशैली आपके आने वाले तीन-चार दशकों की दिशा तय कर देता है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संवाद, सकारात्मकता और संवेदनशीलता को अपनी कार्य संस्कृति का हिस्सा बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि जनता से जुड़ाव और फैसलों में मेरिट को प्राथमिकता दीजिए। एक अधिकारी के रूप में आप सभी गरीब और कमजोर वर्ग के प्रति संवेदनशील व्यवहार रखें। मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों का ध्यान भूमि विवादों, पैमाइश और मेड़बंदी जैसे विषयों की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि इनमें देरी से जनता में निराशा आती है। इन विषयों के प्रति विशेष संवेदनशीलता होनी चाहिए। लोगों को त्वरित न्याय दिलाना आपकी कार्यशैली का हिस्सा होना चाहिए। राजस्व के लाखों मामले लम्बित हैं। आपके निर्णयों और सक्रियता से लोगों को राहत मिल सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों से जनहित को सर्वोपरि रखने और निर्णय प्रक्रिया में ईमानदारी व निष्पक्षता को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा में जनता का विश्वास अर्जित करना सबसे बड़ी पूंजी है। इससे न केवल आपकी कार्यक्षमता बढ़ती है, बल्कि सिस्टम में भी सुधार आता है।
मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रशिक्षु अधिकारियों की ऊर्जा, नवाचार और समर्पण से प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को एक नई गति और दिशा मिलेगी। उन्होंने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनका योगदान आने वाले समय में राज्य की नीति और जनता की नियति दोनों को प्रभावित करेगा। पूरी निष्ठा और पारदर्शिता के साथ कार्य करें।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी (उपाम) के महानिदेशक श्री एल0 वेंकटेश्वरलू, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, उपाम के अपर निदेशक श्री सुनील कुमार चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
----------

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने