*26 जून 2025* 

*उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना भारत की विकास रफ्तार का इंजन है: डॉ. राजेश्वर सिंह* 

 *PLI से ₹1.76 लाख करोड़ निवेश, ₹16.5 लाख करोड़ उत्पादन: राजेश्वर सिंह* 

 *PLI के तहत 12 लाख नए रोजगार सृजित हुए: डॉ. राजेश्वर सिंह* 

 *83.7% घरेलू मूल्य संवर्धन आत्मनिर्भरता की बड़ी छलांग: राजेश्वर सिंह* 

 *भारत अब बल्क ड्रग्स का निर्यातक बना: सरोजनीनगर विधायक* 

 *तीन साल में फार्मा क्षेत्र ने ₹2.66 लाख करोड़ बिक्री दर्ज की: सरोजनीनगर विधायक* 

 *MMF टेक्सटाइल निर्यात $6 बिलियन तक पहुँचा: डॉ. राजेश्वर सिंह* 

 *PLI है औद्योगिक भारत@100 का खाका: डॉ. सिंह* 

 *‘मेक इन इंडिया’ से ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की ओर भारत: डॉ. राजेश्वर सिंह* 

 *उच्च तकनीकी क्षेत्रों में अब वैश्विक प्रतिस्पर्धा कर रहा भारत: डॉ. राजेश्वर सिंह* 

 *लखनऊ:* सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने भारत के विनिर्माण क्षेत्र में हो रहे ऐतिहासिक बदलाव को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में चलाई जा रही उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल उद्योगों को नई गति दे रही है, बल्कि भारत को वैश्विक उत्पादन हब बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा रही है।

डॉ. सिंह ने सोशल मीडिया मंच X के माध्यम से साझा करते हुए बताया कि मार्च 2025 तक इस योजना के अंतर्गत प्राप्त हुई प्रमुख उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं:

1. *₹21,534 करोड़ की प्रोत्साहन राशि का वितरण :* 12 प्रमुख क्षेत्रों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, चिकित्सा उपकरण और टेलीकॉम में यह प्रोत्साहन उद्योगों को सशक्त बना रहा है।

2. *₹1.76 लाख करोड़ का निवेश आकर्षित हुआ :* जिससे अब तक ₹16.5 लाख करोड़ से अधिक का उत्पादन और बिक्री सुनिश्चित हुई है।

3. *12 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन :* युवाओं, कुशल श्रमिकों और तकनीकी पेशेवरों के लिए नये अवसर सृजित हुए हैं।

4. *घरेलू मूल्य संवर्धन बढ़कर 83.7% हुआ :* जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक क्रांतिकारी उपलब्धि है।

6. *भारत अब बल्क ड्रग्स का आयातक नहीं, निर्यातक बन चुका है,* जहां ₹2,280 करोड़ के निर्यात के साथ 2021–22 की स्थिति को पलट दिया गया है।

7. फार्मा क्षेत्र में ₹2.66 लाख करोड़ की कुल बिक्री, जिनमें ₹1.7 लाख करोड़ का योगदान केवल निर्यात से हुआ है और यह सब महज तीन वर्षों में।

8. मैन-मेड फाइबर (MMF) टेक्सटाइल का निर्यात 2024–25 में $6 बिलियन तक पहुँचा, जो पिछले वर्ष के $5.7 बिलियन से अधिक है — यह भारत के वैश्विक कपड़ा प्रभाव को और सशक्त करता है।

*डॉ. सिंह ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के शीर्ष 5 लाभ का उल्लेख करते हुए लिखा :* 

 *1. विनिर्माण को बढ़ावा:* 
यह योजना भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों और ऑटोमोबाइल जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में एक वैश्विक विनिर्माण हब के रूप में सशक्त करती है।

 *2. बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करता है:* 
PLI के माध्यम से ₹1.76 लाख करोड़ का नया निवेश आया है, जिससे देश में औद्योगिक और अधोसंरचना विकास को गति मिली है।

 *3. रोज़गार सृजन में सहायक:* 
PLI योजना के अंतर्गत अब तक 12 लाख से अधिक नौकरियाँ सृजित हो चुकी हैं, जिससे भारत के युवाओं को व्यापक अवसर प्राप्त हुए हैं।

 *4. आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा:* 
यह योजना 83.7% घरेलू मूल्य संवर्धन सुनिश्चित करती है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हुई है और देश की आपूर्ति श्रृंखला अधिक मजबूत बनी है।

 *5. निर्यात वृद्धि को प्रोत्साहन:* 
फार्मास्यूटिकल्स और MMF टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे भारत का वैश्विक व्यापार योगदान और अधिक मजबूत हुआ है।

डॉ. सिंह ने कहा कि यह योजना भारत सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसके तहत हमारा देश अब केवल आत्मनिर्भर ही नहीं, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अग्रणी भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहा है।

अपनी बात को समाप्त करते हुए विधायक ने लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत अब 'मेक इन इंडिया' से आगे बढ़कर 'मेक फॉर द वर्ल्ड' की ओर बढ़ चुका है। आज पीएलआई योजना के माध्यम से आने वाले 25 वर्षों की औद्योगिक नींव डाली जा रही है।"

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