वन्य जीवन संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता जागृत करने के लिए ‘जूनियर कन्ज़र्वेशनिस्ट नेचर कैम्प’ का भव्य शुभारंभ
लखनऊः 24 जून 2025
प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह जी की प्रेरणा तथा प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश के कुशल मार्गदर्शन में, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित राज्य संग्रहालय, लखनऊ एवं टर्टिल सर्वाइवल एलाइन्स फाउण्डेशन, इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आज ‘जूनियर कन्ज़र्वेशनिस्ट नेचर कैम्प’ का उद्घाटन प्राणी उद्यान, लखनऊ में किया गया।
इस पर्यावरण-शैक्षिक शिविर का उद्देश्य बच्चों को जैव विविधता, वन्य जीव संरक्षण एवं प्राकृतिक संतुलन की अवधारणाओं से रूबरू कराना है। कार्यक्रम प्रभारी सुश्री अल-शाज़ फात्मी, सहायक निदेशक, राज्य संग्रहालय ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए वन्य जीवन संरक्षण के महत्व पर प्रेरणादायी वक्तव्य प्रस्तुत किया।
शिविर के प्रथम दिन टर्टिल सर्वाइवल एलाइन्स फाउंडेशन, इंडिया के वैज्ञानिक डॉ. अनुराग एवं सुश्री श्रीपर्णा दत्ता ने प्रतिभागियों को नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान का भ्रमण कराया। भ्रमण के दौरान बच्चों को शेर, बाघ, तेन्दुआ एवं चीता जैसे मांसाहारी प्राणियों के स्किन पैटर्न, उनकी शिकार करने की तकनीकें तथा मगरमच्छ की प्रसिद्ध ’डेथ रोल’ शिकार प्रणाली के बारे में जानकारी दी गई। सरीसृपों की दुनिया से परिचय कराते हुए टर्टिल और टव्याइज़ के बीच की भिन्नता को स्पष्ट किया गया, साथ ही भारत में पाई जाने वाली 25 प्रजातियों के कछुओं एवं 5 प्रकार के टव्याइज़ की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के अंत में बच्चों को एक शिक्षाप्रद वर्कशीट दी गई जिसमें उन्होंने भ्रमण के दौरान अर्जित ज्ञान से जुड़े प्रश्नों को हल किया तथा पशु-पक्षियों से संबंधित चित्र भी बनाए। इस गतिविधि में बच्चों ने अत्यंत उत्साह और रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।इस सफल आयोजन में श्री शारदा प्रसाद, श्री राहुल सैनी, श्री अनुराग द्विवेदी, श्री रामू, श्री सुरेश, श्री सत्यपाल शर्मा एवं श्रीमती पूनम का सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ। यह शिविर बच्चों को संवेदनशील पर्यावरणीय नागरिक बनाने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है, जो उन्हें न केवल ज्ञान से समृद्ध करेगा बल्कि प्रकृति के प्रति प्रेम और उत्तरदायित्व का भाव भी विकसित करेगा।
यह शिविर हर दिन अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है, जिससे प्रतिभागी बच्चों को विविध पर्यावरणीय और जैविक संस्थानों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त हो सके। 25 जून को प्रतिभागी राष्ट्रीय वस्त्र कोष एवं संग्रहालय लखनऊ का भ्रमण करेंगे। 26 जून को राष्ट्रीय वनस्पति विज्ञान शोध संस्थान, 27 जून को कुकरेल घड़ियाल प्रजनन केंद्र तथा 28 जून को राज्य संग्रहालय, लखनऊ स्थित प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय में कार्यक्रम का समापन होगा। सभी दिन कार्यक्रम का समय प्रातः 10ः00 बजे से अपराह्न 1ः00 बजे तक निर्धारित है।

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