बलरामपुर- माँ पाटेश्वरी विश्वविद्यालय के तत्वावधान् में एम एल के पी जी कॉलेज के बी एड विभाग में विरासत से विकास:योग की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ  अतिथियों द्वारामाँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन करके  किया गया। नोडल अधिकारी प्रो राघवेंद्र सिंह ने विषय की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए योग के विभिन्न रूपों पर अपने विचार रखे, कार्यक्रम के मुख्य वक्ता योग गुरु बीरेंद्र विक्रम सिंह ने बताया किभारतीय सनातन परंपरा में योग का आरंभ ब्रह्म जी द्वारा किया गया जिसको महर्षि पतंजलि ने लोक कल्याण हेतु योग के ज्ञान की परंपरा को आगे बढ़ाया ध्यान योग, क्रिया योग अस्टांग योग, यम नियम प्राणायाम आदि के वारे में चर्चा की। भागवत गीता में भगवानं श्री कृष्ण जी ने कर्म योग, ज्ञान योग व भक्ति योग व भगवान् शिव जी द्वारा हठ योग का आरंभ है। योग द्वारा शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विकास करके विश्व कल्याण की भावना को फलीभूत किया जा सकता है। चर्चा में इस बात पर बल दिया गया की उचित संदर्भ को ध्यान में रखते हुए सही योग ज्ञान का प्रचार प्रसार हो जिससे योग के नाम पर जो फ्यूजन आ रहा है उस पर रोक लगाई जा सके।प्रो पी के सिंह ने अधिक से अधिक लोग कार्यक्रम में भाग लें इस बात पर बल दिया। मॉडर्न इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य हेमंत तिवारी ने कहा कि छात्रों को जोड़ने की आवश्यकता है। इस अवसर पर डॉ लवकुश पांडे, डॉ के के सिंह,डॉ पंकज गुप्ता, डॉ तुलसीस दुबे डॉ सुधीर सिंह व श्रीं नारायण  सिंह ने भी सक्रिय सहभागिता की।

              हिन्दी संवाद न्यूज से
               रिपोर्टर वी. संघर्ष
                 बलरामपुर। 

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