उतरौला बलरामपुर- माहे मोहर्रम का आगा ज होते ही मस्जिदो इमाम बाड़ा और लोगों के घरों पर मजलिसों का सिलसिला शुरू हो गया है। शुक्रवार की रात्रि में ग्राम रेहरा माफी के ईमाम बारगाह में मरहूम इब्ने हसन के इमाम बाड़े में पहली मजलिस का आयोजन किया गया। जिसेडॉक्टर अली अज़हर ने सम्बो धित करते हुए कहा कि नौजवानों को अधिक से अधिक इल्म हासिल करने का आह्वान किया वहीं पर ईमाम बारगाह हसन जाफ़र में दूसरी मजलिस को सम्बोधित करते हुए मौलाना ज़ायर अब्बास ने कहा कि हज़रत ईमाम हुसैन ने कर्बला में अपने 72 साथियों के साथ सारी दुनिया को यही पैग़ाम दिया कि हक़ के लिए और ज़ुल्म के ख़िलाफ हमेशा खड़ा रहना चाहिए। ईमाम बारगाह मरहूम मुहम्मद ज़ाहिद में अन्तिम मजलिस को सम्बोधित करते हुए मौलाना ज़ायर अब्बास साहब ने अज़ादारी के मक़सद को बयान करते हुए कहा, कि हमें मुहर्रम में अपने अन्दर बदलाव लाने की ज़रूर त है,तभी हम इमाम हुसैन के उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं। मजलिस के बाद अन्जुमने वफ़ाये अब्बास के सदस्यों ने नौहा ख़्वानी और सीना ज़नी करके ईमाम साहब को पुरस्कार पेश किया।इस अवसर पर इरफ़ान हैदर,अली जाफ़र, तौसीफ़ हसन, अब्बास जाफ़र, तौक़ीर हसन, ज़ुहैर अब्बास, अली शहंशाह, मुहम्मद आलिम, रज़ा अब्बास, मुहम्मद आरिफ़, इंतेज़ार मेहंदी, फज़ल अब्बास,अता अब्बास, मुहम्मद तालिब, यासूब अब्बास आदि लोग मौजूद रहे।
हिन्दी संवाद न्यूज से
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उतरौला बलरामपुर।
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