मथुरा, 12 जून: केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में "विकसित कृषि संकल्प अभियान" के प्रथम चरण का सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह अभियान कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र में नवाचार, आत्मनिर्भरता और टिकाऊ विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संचालित किया गया ।
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. मनीष कुमार चेटली ने कहा: “हम सभी जानते हैं कि कृषि भारत की रीढ़ है और हमारे किसान उसकी धड़कन। आज जब देश ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर तीव्र गति से बढ़ रहा है, तब यह आवश्यक है कि हमारी कृषि और पशुपालन पद्धतियाँ वैज्ञानिक, टिकाऊ और लाभकारी बनें। ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का यह चरण खरीफ फसल की तैयारी पर केंद्रित था, इस अभियान का मुख्य उदेश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़कर उन्नत कृषि एवं पशुपालन से जोड़ना है ।”
यह अभियान भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में आरंभ हुआ, जो स्वयं किसान-हितैषी दृष्टिकोण के प्रतीक हैं। इस राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत देशभर के 700 से अधिक जिलों में 2170 के करीब वैज्ञानिकों की टीम ने लगभग 1.5 करोड़ किसानों से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित किया ।
मथुरा एवं हाथरस जिलों के 270 गांवों में केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के 18 वैज्ञानिकों, 6 तकनीकी अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों ने 30,000 से अधिक किसानों से सीधे संपर्क स्थापित किया। किसानों की कृषि एवं पशुपालन संबंधी समस्याओं को सुनकर समाधान प्रस्तुत किया गया, साथ ही अनुसंधान हेतु कई नवीन विषयों पर जानकारी भी एकत्रित की गई।
गाँव में जाने वाली टीम के सदस्य : के.वी.के मथुरा व हाथरस के वैज्ञानिक, केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक, राज्य कृषि विभाग मथुरा व हाथरस के अधिकारी, प्रगतिशील किसान तथा बैंक के अधिकारियों के भाग लिया । संस्थान के डॉ0 अनुपम कृष्ण दीक्षित, प्रधान वैज्ञानिक ने मथुरा जनपद की टीम तथा डॉ0 खुश्याल सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने हाथरस टीम के प्रभारी की भूमिका में कार्य किया ।
इस अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से संबंधित किसानों की समस्याओं का ऑनलाइन पंजीकरण कर उनके समाधान की दिशा में कार्य किया गया। साथ ही मथुरा के विभिन्न वित्तीय संस्थानों तथा उप महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा भी सहभागिता की गई । यह अभियान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अटारी संस्थान, कानपुर के निर्देशन में संचालित किया गया था ।
इस अभियान के दौरान मथुरा सांसद, सिने स्टार और संस्थान की ब्रांड एंबेसडर श्रीमती हेमा मालिनी जी द्वारा किसानों से इस अभियान जुड़ने की अपील और संस्थान द्वारा विकसित व्हे और बकरी के दूध से निर्मित प्राकृतिक साबुन का विमोचन भी किया गया ।
कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि तकनीकों, बकरी पालन, जैविक एवं प्राकृतिक खेती, तथा ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं पर चर्चा एवं प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए । इस आयोजन का प्रसारण दूरदर्शन मथुरा चैनल पर भी किया गया तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी सक्रिय रूप से अभियान से जोड़ा गया ।
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