सी.एम.एस. में तीन-दिवसीय ‘विजन-2025 कान्फ्रेन्स’ का शुभारम्भ

शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ चरित्र निर्माण भी जरूरी

-- डा. भारती गाँधी, संस्थापिका-निदेशिका, सी.एम.एस.

लखनऊ, 19 जून। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में तीन दिवसीय ‘सी.एम.एस. विजन-2025 सम्मेलन’ का भव्य शुभारम्भ आज सी.एम.एस. गोमती नगर द्वितीय कैम्पस आॅडिटोरियम में हुआ। सम्मेलन का शुभारम्भ सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी ने अन्तरिक्ष यात्रा की विचारधारा पर आधारित स्मृतिका का अनावरण करके किया। यह तीन दिवसीय सम्मेलन ‘द यूनीवर्स - मैपिंग द लर्निंग गैलेक्सी’ थीम पर आयोजित किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत सी.एम.एस. शिक्षकों व प्रधानाचार्याओं ने भविष्य आधारित शिक्षा पद्धति पर गहन चर्चा-परिचर्चा की जिससे नई चुनौतियों एवं वास्तविकताओं के अनुरूप सी.एम.एस. की शिक्षण पद्धति में सृजनात्मक बदलाव लाया जा सके। 

सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी ने कहा कि भावी पीढ़ी में शैक्षणिक उत्कृष्टता साथ ही चारित्रिक उत्कृष्टता भी अत्यन्त आवश्यक है क्योंकि जीवन मूल्यों की शिक्षा ही वास्तव में शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य है। सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने अपने संबोधन में सी.एम.एस. के पूर्व छात्र शुभांशु शुक्ला की अभूतपूर्व उपलब्धियों का जिक्र किया, जो जल्दी ही अन्तरिक्ष की यात्रा पर रवाना होने वाले हैं। प्रो. किंगडन ने शिक्षकों का आह्वान किया कि इस सम्मेलन के विचारों को अपनी दैनिक शिक्षण पद्धति में शामिल करें, जिससे कि भावी पीढ़ी को एक जिम्मेदार, दूरदर्शी व सक्षम विश्व नागरिक के रूप में ढ़ालने में सी.एम.एस. अहम योगदान दे सके। इस अवसर पर सी.एम.एस. की सुपीरियर प्रिन्सिपल एवं क्वालिटी अश्योरन्स व इनोवेशन डिपार्टमेन्ट की सुश्री सुष्मिता घोष एवं शैक्षिक सलाहकार सुश्री डान टेलर ने भी सारगर्भित विचार व्यक्त किये। इससे पहले, सम्मेलन का शुभारम्भ सर्व-धर्म प्रार्थना एवं विश्व एकता प्रार्थना से हुआ। इस अवसर पर 

सी.एम.एस. संस्थापक स्वर्गीय डा. जगदीश गाँधी जी की स्मृति में ‘वडर््स कान्टीन्यूस को गाइड अस’ प्रस्तुतिकरण के माध्यम से उन्हें हार्दिक श्रद्धान्जलि अर्पित की गई, जिन्होंने भावी पीढ़ी के सर्वांगीण विकास में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया।

सम्मेलन के पहले दिन आज ‘एक्सप्लोरिंग द कास्माॅस आॅफ द माडंड’ थीम पर सी.एम.एस. के विभिन्न कैम्पसों की वरिष्ठ शिक्षिकाओं के बीच सारगर्भित विचारों का आदान-प्रदान हुअंा। सम्मेलन का प्रथम सत्र ‘ब्लूस्काई फ्रेमवर्क’ पर आधारित रहा, जिसमें सुश्री ख्याति लांबा, सुश्री लवी खान और सुश्री मेधा आहूजा ने क्लासरूम वास्तविकताओं के साथ शिक्षण पद्धतियों का आकलन प्रस्तुत किया, तो वहीं दूसरी ओर, सुश्री सुश्मिता घोष एवं सुश्री डाॅन टेलर के मार्गदर्शन में ‘द साइन्स बिहाइन्ड लर्निंग’ विषय पर व्यापक चर्चा-परिचर्चा सम्पन्न हुई। इसके अलावा, सी.एम.एस. के विभिन्न कैम्पस के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने ‘आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स इन एजूकेशन’ विषय पर भी अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये जबकि सी.एम.एस. शिक्षिकाओं सुश्री श्वेता छाबड़ा एवं सुश्री दिव्या थाॅमस ने ‘प्रोसीजरल नाॅलेज’ पर प्रस्तुतिकरण दिया। सम्मेलन के प्रथम दिन आज दो कार्यशालायें भी आयोजित की गई, जिसमें प्रथम कार्यशाला ‘रूटीन्स एण्ड एक्सपेक्टेशन्स’ थीम पर जबकि दूसरी कार्यशाला ‘मेटाकाग्नीशन: प्लान, माॅनीटर, इवैलुएट’ थीम पर आधारित रही। इन दोनों कार्यशालाओं में सी.एम.एस. शिक्षाविद्ों ने अपने सारगर्भित विचारों से शिक्षा पद्धति में रचनात्मक बदलाव, शिक्षकों के व्यावसायिक कौशल विकास, मूल्यांकन पद्धति में सुधार आदि विषयों पर सुझाव प्रस्तुत किये।

सी.एम.एस. के हेड, कम्युनिकेशन्स श्री ऋषि खन्ना ने बताया कि ‘विजन-2025 सम्मेलन’ के अन्तर्गत शिक्षकों की चर्चा-परिचर्चा का दौर कल भी जारी रहेगा, जिसमें संरचनात्मक परिवर्तन, आउटडोर एक्टिविटी, जूनियर यूथ एम्पाॅवरमेन्ट प्रोग्राम, चारित्रिक शिक्षा आदि विभिन्न विषयों पर चर्चा-परिचर्चा के माध्यम से भावी पीढ़ी के सर्वांगीण विकास की रूपरेखा तय की जायेगी।


Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने