*10 मई 2025*
*“संघर्षविराम नहीं, यह भारत की सामरिक दृढ़ता की विजय है” — डॉ. राजेश्वर सिंह*
*डॉ. राजेश्वर सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को बताया निर्णायक सैन्य परिवर्तन का प्रतीक*
*“अब हर आतंकी हमला होगा युद्ध के समान”: भारत की नई नीति पर बोले डॉ. राजेश्वर सिंह*
*डॉ. राजेश्वर सिंह का सामरिक दृष्टिकोण: भारत की शर्तों पर हुआ संघर्षविराम, पाकिस्तान पर बना वैश्विक दबाव*
*"पाकिस्तान में 100 किमी अंदर जाकर भारत ने किया प्रहार, अब शत्रु की सीमा नहीं, केवल निशाना देखा जाएगा: - डॉ. राजेश्वर सिंह"*
*भारत की सैन्य स्पष्टता और रणनीतिक संकल्प की जीत है यह संघर्षविराम: डॉ. राजेश्वर सिंह*
*लखनऊ।* भारत-पाकिस्तान के बीच हुए हालिया संघर्षविराम को लेकर सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर एक अत्यंत प्रभावशाली और राष्ट्रहित को प्रतिबिंबित करने वाला वक्तव्य जारी किया है। उन्होंने इसे मात्र एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की निर्णायक सामरिक विजय करार दिया है, जिसके पीछे देश की सैन्य शक्ति, नेतृत्व की दूरदर्शिता और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
डॉ. सिंह ने लिखा, "सीज़फायर नहीं, ये भारत की निर्णायक सैन्य विजय है! ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पूरी दुनिया को भारतीय सेनाओं की अदम्य शक्ति और वर्तमान नेतृत्व की अप्रतिम दृढ़ता से परिचित करा दिया है।"
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत अब केवल प्रतिक्रियाशील राष्ट्र नहीं है, बल्कि वह ठोस निर्णय लेकर आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कदम उठाने में सक्षम और इच्छाशक्ति-संपन्न है। इस सैन्य अभियान के अंतर्गत PoJK व सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त किया गया, जो लंबे समय से भारत विरोधी गतिविधियों के केंद्र बने हुए थे। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान की सीमा के 100 किलोमीटर अंदर स्थित बहावलपुर में मिसाइल हमला कर आतंकियों का खात्मा किया था।
विशेष रूप से उल्लेखनीय है 4 अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम का नष्ट किया जाना, जिन्हें पाकिस्तान अपनी रक्षा-क्षमता का प्रतीक मानता था। ड्रोन हमलों का सीधा जवाब मिसाइलों से दिया गया, जो भारत की नई सैन्य कार्यनीति चेतावनी नहीं, सीधी कार्रवाई का स्पष्ट संदेश था।
डॉ. सिंह ने अपने बयान में यह भी रेखांकित किया कि भारत ने यह नीति स्पष्ट कर दी है कि अब कोई भी आतंकी हमला सीधे तौर पर युद्ध की घोषणा माना जाएगा। इससे न केवल पाकिस्तान को स्पष्ट संकेत मिला है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियों ने भी भारत की इस दृढ़ता को गंभीरता से लिया है। संयुक्त राष्ट्र, OIC और यहां तक कि चीन जैसे देश भी अब क्षेत्रीय शांति की अपील कर रहे हैं, जो कि भारत की बढ़ती सैन्य और कूटनीतिक साख का प्रमाण है।
डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि यह संघर्षविराम पाकिस्तान की एकतरफा पहल नहीं, बल्कि भारत की शर्तों पर हुआ एक संतुलित सामरिक समझौता है। "भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब हर प्रतिक्रिया निर्णायक और राष्ट्रहित में होगी," उन्होंने लिखा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि यह उसी नेतृत्व की दृढ़ नीति और राष्ट्र प्रथम की सोच का परिणाम है कि आज भारत वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास और सम्मान के साथ खड़ा है। उन्होंने दोहराया, “भारत शांति चाहता है, लेकिन किसी भी रूप में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
डॉ. राजेश्वर सिंह का यह बयान केवल एक राजनेता की प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि यह देश की सामरिक सोच और आत्मनिर्भर सुरक्षा नीति का प्रतिबिंब है, जिसमें निर्णायकता, पारदर्शिता और राष्ट्रहित सर्वोपरि है।
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