अंबेडकरनगर, उत्तर प्रदेश।
जलालपुर कस्बे स्थित महिला अस्पताल एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। यहां तैनात डॉक्टर शालिनी पांडे पर मरीजों के साथ अमानवीय व्यवहार और सरकारी आदेशों की खुलेआम अवहेलना करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
जानकारी के अनुसार, कई गर्भवती महिलाएं दोपहर लगभग 1 बजे अस्पताल पहुंची थीं। आरोप है कि डॉक्टर शालिनी पांडे अपनी निजी गाड़ी से अस्पताल परिसर से जा रही थीं और मरीजों की गंभीर अपील के बावजूद उन्होंने सिर्फ एक महिला को गाड़ी में बैठे-बैठे देखा, जबकि अन्य सभी को बिना इलाज के वापस लौटा दिया गया और अगली तारीख पर आने को कहा गया।
पीड़ित महिलाओं ने कैमरे के सामने बयान देते हुए बताया कि वे 20 से 25 किलोमीटर की दूरी तय करके अस्पताल पहुंची थीं। तपती धूप में इंतजार करने के बाद भी उन्हें बिना इलाज लौटना पड़ा।
सरकार की ओर से गर्भवती महिलाओं को समय पर देखरेख और उचित इलाज देने के लिए विशेष योजनाएं संचालित की जा रही हैं, मगर डॉक्टर शालिनी पांडे पर इन योजनाओं की अनदेखी कर सीधे तौर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है।
स्थानीय लोगों और पीड़ित महिलाओं का कहना है कि इस तरह का व्यवहार स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रशासन की मंशा पर भी सवाल खड़े करता है। मामले की निष्पक्ष जांच कर डॉक्टर शालिनी पांडे के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग उठ रही है।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या गर्भवती महिलाओं को न्याय मिल पाएगा या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।
हिंदी संवाद न्यूज़। दिल से हिंदी।।
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