जौनपुर में जीवित व्यक्ति को मृत दिखाने का सनसनीखेज मामला: विजय बहादुर की सच्चाई की जंग
जौनपुर, 14 मई 2025: जौनपुर जिले के बक्शा थाना क्षेत्र के खुशहुपुर गाँव में एक हैरतअंगेज घटना ने सभी को चौंका दिया। गाँव के निवासी विजय बहादुर को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया, जबकि वह जीवित हैं और अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। इस मामले ने प्रशासनिक लापरवाही या संभावित साजिश की पोल खोल दी है।
मामले की सच्चाई:
विजय बहादुर ने आरोप लगाया कि जमीन के बँटवारे को लेकर चल रहे पारिवारिक विवाद में उनके पट्टीदारों ने एसडीएम सदर पवन कुमार सिंह के साथ मिलकर उन्हें कागजों में मृत दिखाया। यह गलती तब सामने आई, जब विजय अपने जमीन के दस्तावेजों की जाँच करने गए और पाया कि रिकॉर्ड में उनका नाम मृतकों की सूची में दर्ज है। इस खुलासे ने न केवल विजय को झकझोर दिया, बल्कि स्थानीय लोगों में भी आक्रोश पैदा कर दिया।
विजय बहादुर की हिम्मत:
14 मई 2025 को विजय बहादुर ने जौनपुर कलेक्ट्रेट में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) दिनेश चंद्र सिंह से मुलाकात की। उन्होंने अपने जीवित होने का सबूत पेश करते हुए आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य दस्तावेज सौंपे। गुस्से और दृढ़ संकल्प के साथ विजय ने "मैं जिंदा हूँ" की तख्ती लटकाकर अपना विरोध दर्ज किया। उन्होंने कहा, "यह मेरी जमीन हड़पने की साजिश है। मैं चाहता हूँ कि इसकी जाँच हो और दोषियों को सजा
मिले।"
प्रशासन का रवैया:
डीएम दिनेश चंद्र सिंह ने विजय की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जाँच के आदेश दिए। राजस्व विभाग को रिकॉर्ड सुधारने और इस त्रुटि के कारणों की पड़ताल करने को कहा गया है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। स्थानीय लोग इस मामले को लेकर चर्चा में हैं और प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
ऐसे मामले क्यों?
प्रशासनिक गलतियाँ, रिकॉर्ड में हेरफेर, या जमीन विवाद के चलते ऐसी घटनाएँ अक्सर सामने आती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति हड़पने के लिए जानबूझकर रिकॉर्ड में गड़बड़ी की जाती है। जौनपुर में पहले भी इस तरह के मामले चर्चा में रह चुके हैं, जो प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की जरूरत को दर्शाते हैं।
आगे की लड़ाई:
विजय बहादुर ने माँग की है कि उनके दस्तावेज तुरंत ठीक किए जाएँ और इस गलती के जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो। यह मामला न केवल एक व्यक्ति की जंग है, बल्कि सरकारी रिकॉर्ड की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।
हिंदी संवाद न्यूज़
रिपोर्टर सौरभ जौनपुर
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