उतरौला बलरामपुर- नगर सहित ग्रामीण अंचलों में गुटखा प्रेमियों केलिए पिछले एक हफ्ते भर से काफी मुश्किलें बढ़ गई हैं। कमलापसन्द और विमल जैसे प्रमुख गुटखा ब्रांड्स की भारीकिल्लत देखने को मिल रही है। इस अभाव का फायदा उठाते हुए कुछ थोक व्यापारियों ने काला बाजारी करने में जुटे हुए हैं। बाजार में गुटखा की मांग बढ़ते ही मुनाफाखोर थोक विक्रेता इनकी कीमतों में मन मानी ढंग से वसूली करने में लगे हुए हैं।
स्थिति यह है कि फुट कर दुकानदारों को 5 रुपये का गुटखा अब 6 रुपए या उससे भी अधिक में बेचना पड़ता  है। कई दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब थोक व्यापारियों से इसका कारण पूछा जाता है तो सीधा जवा ब देते है कि माल की कमी है, इस लिए महंगा बिक रहा है। एकदुकान दार ने बताया कि थोक विक्रेता जब मनचाही कीमतें वसूलते हैं, तब ही गुटखा उपलब्ध कराते हैं। ज्यादा कीमत देने पर थोक व्यापारी बिना किसी झिझक के माल निकालकर हमें थमा देते हैं, लेकिन सामान्य दरों पर पूछने पर सीधे मना कर देते हैं।बाजार में गुटखा की इस काला बाजारी को लेकर उप भोक्ताओं में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि प्रशा सन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। यह तो सीधा- सीधा काला बाजारी है, जिसमें आम लोगों को ठगा जा रहा है। फुटकर विक्रेताओं का भी मानना है कि प्रशासन अगर चाहे तो थोक व्यापारियों की गोदामों की जांच करके इस खेल को उजागर कर सकता है।उतरौला में गुटखा के दामों में हुई अचानक वृद्धि से उप भोक्ताओं को अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है। जो गुटखा पहले 5 रुपये में मिलता था, वह अब वह 6 रुपए से लेकर 7 रुपए तक मिल रहा है। ग्राहक भी मज बूरी में महंगे दाम पर इसे खरीद रहे हैंस्थानीय नागरिकों और फुटकर दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द थोक व्यापारि यों की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही साथ बाजार में गुट खा की उपलब्धता सुनि श्चित की जाए, ताकि लोगों को इस तरह से लूटा न जा सके।अब देखना यह है कि प्रशा सन कब तक इस काला बाजारी पर लगाम कसता है और बाजार में गुटखा की सामान्य उप लब्धता सुनिश्चित करती है।

        हिन्दी संवाद न्यूज से
       असगर अली की खबर
         उतरौला बलरामपुर। 

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