प्रतापगढ़, गोरखपुर और अब भदोही जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) भूपेंद्र नारायण सिंह की B.Ed मार्कशीट फर्जी पाई गई है। विभागीय जांच में इस सनसनीखेज खुलासे ने शिक्षा विभाग को हिलाकर रख दिया है। सूत्रों की मानें तो फर्जीवाड़े के दम पर BSA की कुर्सी तक पहुंचे सिंह ने तैनाती के दौरान जमकर "सुविधा शुल्क" वसूला, जिसका लाभ उनके गांव और रिश्तेदारों तक पहुंचा।
विभागीय सूत्र बताते हैं कि इस फर्जीवाड़े की परतें तब खुलीं, जब मार्कशीट की सत्यता पर सवाल उठे और जांच का आदेश हुआ। जांच में सामने आया कि भूपेंद्र नारायण सिंह की B.Ed डिग्री पूरी तरह फर्जी थी। इस खुलासे ने न केवल उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए, बल्कि शिक्षा विभाग में भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी उंगली उठ रही है।
सूत्रों का दावा है कि BSA साहब ने अपने कार्यकाल में सुविधा शुल्क के नाम पर खूब कमाई की, जिसका हिस्सा उनके रिश्तेदारों और गांव तक पहुंचा। अब सवाल यह है कि क्या इस फर्जीवाड़े के लिए जिम्मेदार सिर्फ भूपेंद्र नारायण सिंह हैं, या सिस्टम की खामियां भी इसके पीछे हैं? विभाग अब इस मामले में सख्त कार्रवाई की बात कह रहा है, लेकिन यह घटना शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ा सबक है।
क्या फर्जी डिग्री के सहारे कुर्सी पाने वालों पर लगेगी लगाम, या यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा?
उमेश चन्द्र तिवारी
9129813351
हिन्दी संवाद न्यूज
भारत
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