प्राइवेट और सरकारी बसों की मिलीभगत से यात्रियों के शोषण का मामला, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की भी शिकायत
गोंडा/लखनऊ। प्राइवेट बसों में ओवरलोडिंग, अवैध वसूली और यात्रियों के शोषण का गंभीर मामला सामने आया है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह सब कुछ जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी में होने के बावजूद हो रहा है, लेकिन किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही। इससे न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठते हैं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सम्मान भी खतरे में पड़ गया है।
ताजा मामला 16 अप्रैल 2025 को सामने आया जब रतन एक्सप्रेस नामक एक प्राइवेट बस (नंबर यूपी 43एटी3597) लखनऊ के कमता चौराहे से यात्रियों को लेकर गोंडा करनैलगंज के लिए निकली। यह बस यात्रियों से पूरी तरह भरी हुई थी। लेकिन जैसे ही यह बस करनैलगंज के पास सरयू रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंची, ड्राइवर और कंडक्टर ने अचानक घोषणा कर दी कि बस अब परसपुर जाएगी और करनैलगंज जाने वाले सभी यात्रियों को उतार दिया गया।
इतना ही नहीं, बस में सवार महिलाओं को गाली-गलौज कर जबरन बस से नीचे उतारा गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिलाओं ने विरोध किया तो उन्हें धमकाया गया और पीछे से आने वाली सरकारी रोडवेज बस (नंबर यूपी 43एटी9572) में बैठा दिया गया। इस सरकारी बस के कंडक्टर ने न तो किसी को टिकट दिया और न ही किसी प्रकार की रसीद, बल्कि जबरदस्ती प्रत्येक यात्री से ₹20 की अवैध वसूली की। यह भी जानकारी सामने आई कि सरकारी बस का कंडक्टर केवल 10 किलोमीटर पहले तक का टिकट बनाने के नाम पर यात्रियों से पैसे वसूलता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्राइवेट बस संचालकों और कुछ सरकारी ड्राइवर-कंडक्टरों की आपस में मिलीभगत है, जो यात्रियों को गुमराह कर अवैध तरीके से पैसे वसूल रहे हैं। कमता चौराहे पर खड़े यात्रियों को झूठ बोलकर करनैलगंज तक ले जाने का झांसा दिया जाता है और रास्ते में उतार कर दूसरी बसों में डाल दिया जाता है। यदि इस दौरान किसी यात्री, खासकर महिला या बच्चे के साथ कोई दुर्घटना हो जाए, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? स्थानीय लोगों और यात्रियों ने इस पूरे मामले पर नाराजगी जताई है और संबंधित अधिकारियों से तत्काल जांच कर कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह लापरवाही भविष्य में किसी बड़ी घटना को जन्म दे सकती है। इस प्रकार का शोषण और लूट केवल एक घटना नहीं, बल्कि एक बड़े भ्रष्ट तंत्र की झलक है, जिसे समाप्त करने के लिए प्रशासन को सजग और सक्रिय होना होगा।
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