उतरौला बलरामपुर -विकास खण्ड गैडास बुजुर्ग अन्तर्गत ग्राम पंचायत रसूलाबाद में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में वर्षों से डाक्टर की तैनाती नहीं हुई है। डाक्टर के न होने इस केन्द्र पर आए मरीजों का इलाज फार्मेसिस्ट के सहारे किया जाता है। डाक्टर के न होने पर मरीज इस केन्द्र पर कम आते हैं। अधिकांश मरीज अपना इलाज कराने के लिए जनपद सिद्वार्थ नगर अथवा जनपद बलरामपुर मुख्यालय पर जाना पड़ता है। गैडास बुजुर्ग का प्रमुख प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र महुआ बाजार क्षेत्र के मरीजों का इलाज इस केन्द्र पर होता है। इस केन्द्र पर डाक्टर के दो पद होने पर एक भी डाक्टर की तैनाती विभाग द्वारा अभी तक नहीं हो पाई है। इस केन्द्र पर एक फार्मेसिस्ट,एक स्टाफ नर्स, हेल्थ सुपर वाइजर तैनात हैं। इस केन्द्र पर महिला डाक्टर की तैनाती आज तक विभाग के द्वारा नहीं की गई है। लैब टेक्नीशियन की तैनाती न होने पर मरीजों के खून आदि की जांच नहीं हो पाती है। इस केन्द्र पर लगे सोलर प्लांट एक वर्ष से खराब पड़ा है। वर्षों से खराब पड़ी सोलर प्लांट को ठीक कराने की रुचि विभाग ने अभी तक नहीं ली है। इस केन्द्र पर पचासों लाख से बने अधिकारी व कर्मचारी आवास प्रतिवर्ष राप्ती नदी में आने वाली बाढ़ से जगह जगह टूट कर गिर गई है। आवास के दीवारों में दरार भी आ गई है।‌ इसके दरवाजे व खिड़कियो को चोर चुरा ले‌ गए है। खण्डहर होने की वजह से आवास  में कोई कर्मचारी नहीं रहता है। मजबूरन कर्मचारी व अधिकारी समीप के बाजार में किराए के मकान में रहने के लिए मजबूर हैं। स्वास्थ्य केन्द्र की खराब दशा व चिकित्सीय सुविधा के न होने से क्षेत्र के मरीज अपना इलाज कराने के लिए जनपद सिद्वार्थ नगर के डुमरियागंज और बलरामपुर मुख्यालय के  उतरौला में आने के लिए मजबूर हैं। महिला डाक्टर न होने पर क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को अपना प्रसव कराने के लिए तहसील व जिला मुख्यालय के साथ निजी चिकित्सक का सहारा लेना पड़ता है। इस केन्द्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी गैडास बुजुर्ग डाक्टर सोएब अहमद ने बताया कि इस केन्द्र पर डाक्टर की तैनाती के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। डाक्टर न‌ होने केकारण मरीजों का इलाज फार्मे सिस्ट ही करते है।

            हिन्दी संवाद न्यूज से
           असगर अली की खबर
            उतरौला बलरामपुर। 

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