उतरौला बलरामपुर - विद्यालयों में दाखिला शुरू होने के साथ ही साथ तहसील गेट के सामने विद्यार्थी पुस्तक भंडार विक्रेता के द्वारा किताबों की दुकानो को संवारने का काम शुरू हो गया है। यह सभी  विद्यालयों से सम्बंधित पुस्तकें होली सेल में बेची जाती हैं। हर साल तहसील क्षेत्र में किताबों का यह खेल बराबर चलता आ रहा है। कुछ ऐसी भी दुकानें है,जो केवल दाखिले के दौरान ही खुलती हैं, और पूरे साल बन्द रहती हैं।किताब की दुकानों पर जब अभिभावक अपने बच्चों को लेकर पहुंचते हैं, तो उनको केवल विद्यालय और कक्षा का नाम बताते ही दुकानदार की तरफ से पहले से तैयार सेट दिया जाता है। तैयार सेट भी केवल उसी को मिलेगा, जो उनके सम्बंधित विद्यालय का होगा। इस सत्र में करीब कई दर्जन दुकानें ऐसी हैं जो निजी विद्यालयों से सम्बंधित पुस्तक बेच रही हैं। इन दुकानों का सम्बंधित विद्यालय से वेंडर होता है, जिसके चलते यह दुकान इस विद्यालयों से सम्बंधित पुस्तक के ड्रेस इत्यादि सामग्री भी रखते हैं और उसे उचित मूल्य पर अभिभावकों को बेचते हैं, जिसमें से कुछ कमीशन विद्यालयों का भी तय होता है ऐसी स्थिति में निजी विद्यालयों में दाखिला शुरू होते ही इन दुकानों पर सबसे ज्यादा भीड़ लग जाती है। सुबह से शाम तक किताबें खरीदने वालों की इन दुकानों पर भीड़ लगी है। वहीं पर किताबों के साथ स्टेशनरी भी इन दुकानों से दी जा रही है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे पर स्थित डुमरियागंज मार्ग पर स्थित विद्यार्थी पुस्तक भंडार के द्वारा प्रिंटरेट पर किताब दिया जाता है। अभिभावक भी इन दुकानों से किताब लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं मिली जानकारी के अनुसार यह दुकानें निजी विद्यालय के संचालकों के सहयोग से चलता हैं। दुकानों से किताबें खरीदने पर अभिभावकों से मूल कीमत के साथ जी एस टी भी वसूली जा रही है। अभिभावकों को इसका पक्का बिल भी नहीं दिया जाता है। अभिभावकों को साधारण कागज पर पैन से कच्चा बिल बनाकर दिया जाता रहा है।

         हिन्दी संवाद न्यूज से
        असगर अली की खबर
          उतरौला बलरामपुर। 

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