अंबेडकर नगर, जलालपुर जनता की सेवा के लिए बनाए गए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगपुर में डॉक्टर अब मरीजों के मददगार नहीं, बल्कि उत्पीड़नकर्ता बनते जा रहे हैं।
सेठाकला निवासी एक गरीब महिला मनीषा, जो गंभीर चोट के बाद मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल पहुंची थी, उससे डॉक्टरों ने इलाज के बदले 5000 रुपये की खुलेआम मांग कर मानवता को शर्मसार कर दिया। पैसे नहीं देने पर उसे उचित इलाज नहीं मिला और केवल मामूली पट्टी कर घर भेज दिया गया।
पूरा मामला तब शुरू हुआ जब मनीषा पर गांव के एक व्यक्ति तीरथ ने हमला कर गंभीर चोट पहुंचाई। डायल-112 और 108 एंबुलेंस सेवा के बाद जब महिला अस्पताल पहुंची, तो वहां डॉक्टरों ने ईलाज के बदले पैसे मांगे।
जब अस्पताल और जलालपुर कोतवाली से न्याय नहीं मिला, तो महिला को मजबूर होकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचना पड़ा। एफआईआर के आदेश के बाद भी जलालपुर थाने में उसे तिरस्कार झेलना पड़ा और स्पष्ट कहा गया कि "यहां से भी कुछ नहीं होगा"।
पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे का ताजा मामला
यह वही अस्पताल है, जहां अपनी करतूतें उजागर होने पर भ्रष्ट डॉक्टरों ने ईमानदार पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करवा दिए, ताकि मीडिया की आवाज को दबाया जा सके। यह मामला अब हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
कानूनी नजरिए से — इन पर लग सकती हैं ये धाराएं (BNS, 2023 के अनुसार):
- धारा 124 (गंभीर चोट पहुंचाना):
— जानबूझकर चोट पहुँचाने का अपराध, जिसमें कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। - धारा 173 (सरकारी कर्मचारी द्वारा कर्तव्य में लापरवाही):
— सरकारी कर्मचारी द्वारा अपने कर्तव्यों में जानबूझकर चूक या भ्रष्टाचार करने पर सजा का प्रावधान। - धारा 184 (अवैध धन वसूली):
— इलाज के बदले पैसे मांगना जबरन वसूली के अंतर्गत आएगा। - धारा 222 (सबूतों को छिपाने या गलत साबित करने का प्रयास):
— पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे कर भ्रष्टाचार छिपाने की साजिश। - धारा 113 (महिला के साथ अभद्रता और उत्पीड़न):
— घायल महिला के प्रति अस्पताल की असंवेदनशीलता इस धारा के अंतर्गत दंडनीय है। - धारा 354 (महिला की गरिमा का अपमान करना):
— यदि अस्पताल कर्मियों ने महिला के साथ दुर्व्यवहार किया हो तो।
सजा:
इन धाराओं के तहत दोषी पाए जाने पर 3 वर्ष से लेकर 7 वर्ष तक का कारावास और जुर्माना भी हो सकता है। साथ ही सरकारी पद से बर्खास्तगी का भी प्रावधान है।
जनता का सवाल: योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति कब अमल में आएगी?
जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी प्रदेश में भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करते हैं, वहीं अंबेडकरनगर के नगपुर सीएचसी में जनता के साथ हो रहा अन्याय इस नीति को खुली चुनौती दे रहा है।
जनता की मांग:
- दोषी डॉक्टरों और अस्पताल कर्मचारियों पर BNS की धाराओं में कठोर कार्यवाही हो।
- फर्जी मुकदमे दर्ज कराने वाले पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच कर बर्खास्तगी की कार्रवाई हो।
- पीड़ित महिला को सरकारी खर्च पर सम्पूर्ण इलाज और उचित मुआवजा मिले।
- पत्रकारों की स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- भ्रष्टाचार उजागर करने वालों को संरक्षण मिले।
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