उतरौला बलरामपुर - रमजान का पवित्र महीना को लेकर सभी भारत वासियों को मुबारकबाद हो। समाज सेवी/ केन्द्रीय मानव संगठन के महासचिव हाजी मोहम्मद अकरम खान ने बताया कि रमजान वो महीना है जिसमें ईश्वर ने वाणी से कुरान को उतारा है। इस माह में शरीर के साथ साथ आत्मा को भी शुद्ध करती है। आत्मा जब शुद्ध होती है,तभी परमात्मा से जुड़ती है।इस माह में 30 दिन का रोजा रखना पड़ता है।जो कि चांद दिखने से शुरू होता है, और चांद दिखने के बाद से खत्म होता है। रोजा बालिग बच्चों के साथ साथ हर मुस्लिम पर फर्ज है। इसमें से केवल उन लोगों को छूट मिलती है,जो लोग बहुत ही ज्यादा बीमार रहते हैं और रोजा नहीं रख सकते हैं। लेकिन उसके बदले उन्हें प्रतिदिन सुबह दोपहर शाम को अपने भोजन में से गरी बों में बांटना पड़ता है। इस पवित्र माह मे किसी भी तरह से झूठ बोलने,दगा देने व गाली बकने आदि जैसी बुराइयों से बचने की पाबन्दी की गई है। इस माह में बुराइयों से दूर रहना का बड़ा मौका है। अगर रोजा रखकर झूठ बोलते व कोई भी ग़लत काम करते हैं तो उससे रोजा अप्रवृत्ति हो जाते हैं,इस माह में आंतरिक तौर पर ही शुद्ध करना होता है। उसके लिए खुद पहले से ही माफी मांगते हैं,फिर ईश्वर से भी माफी मांगते हैं,इसी माह में अल्लाह के नाम पर अपनी कमाई में लगभग ढाई प्रतिशत जकात देना पड़ता है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
असगर अली की खबर
उतरौला बलरामपुर।
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