उतरौला बलरामपुर - सीतापुर में हुए दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेयी की सरेआम हत्या से पूरे पत्रकार जगत में आक्रो श व्याप्त है। आज पत्र कार संगठनों ने इस नृशंस हत्या की कड़ी निन्दा करते हुए इसे लोकतन्त्र और स्वतंत्र पत्रकारिता पर सीधा हमला करार दिया है। इस मौके पर उतरौला प्रेस मीडिया कार्यालय पर एक शोक सभा का आयोजन किया गया जिसमें उपस्थित सभी पत्रकारों ने दो मिनट का मौन रखकर मृतक पत्रकार को श्रद्धांजलि दी गई। उतरौला के वरिष्ठ पत्रकार नूर मोह म्मद,अनिल कुमार गुप्ता, डाक्टर सी बी उपाध्याय, असगर अली शाह बजरंगी लाल गुप्ता, मास्टर इमरान अली शाह, आशीष कुमार कसौधन, ऋषिभ श्रीवास्तव, वाजिद अली, राजन श्रीवास्तव, गिरीश चन्द मिश्रा,आ लोक कुमार गुप्ता, नाजिर मलिक, विनय कुमार,हरीश कुमार गुप्ता, गगन प्रीत पाहु जा सन्तोष कुमार कशौ धन, रोहित कुमार गुप्ता ताज मोहम्मद, खुर्शीद अहमद सहित तमाम पत्रकारो ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए प्रशासन से जल्द से जल्द हत्यारों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार नूर मोहम्मद ने कहा कि लोकतंत्र में पत्रकारिता एक चौथा स्तम्भ है, अगर इसे कमजोर किया गया तो पूरा समाज प्रभावित हो जायेगा। प्रशासन को जल्द से जल्द हत्यारों की गिरफ्तार कर सख्त सजा दिलानी चाहिए।
अनिल कुमार गुप्ता ने कहा अगर अपराधियों को खुली छूट मिलती रही, तो पत्रकारों के लिए काम करना मुश्कि ल हो जाएगा। यह सिर्फ एक पत्रकार की हत्या नहीं, बल्कि सच की आवाज को दबाने की साजिश है। राजन श्रीवास्तव ने इस घटना पर रोष व्यक्त करते हुए कहा,कि हम इस हत्या की कड़ी निन्दा करते हैं। सरकार को चाहिए कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, और दोषियों को कठोरतम सजा दिलाए। मास्टर इमरान अली शाह ने कहा, कि राघवेन्द्र बाजपेयी की हत्या ने पूरे पत्रकार जगत को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना दर्शाती है कि सच बोलना और लिखना कितना खतर नाक हो गया है।अगर प्रशासन इस पर सख्त कदम नहीं उठाता तो पत्रकार सड़क पर उतर कर विरोध करने के लिए बाध्य हो जाएंगे।
गिरीश चन्द्र मिश्र ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा,कि एक पत्रकार की हत्या दिन दहाड़े होती है और अपराधी फरार हो जाते हैं। यह सरकार और प्रशासन के लिए शर्म की बात है। अगर जल्द इसकी कार्यवाही नहीं हुई तो सारे पत्रकार आन्दोलन करने के लिए मजबूर हों जायेंगे। डाक्टर सी बी उपाध्याय ने कहा, कि पत्रकार सिर्फ समाज का दर्पण होते हैं। अगर वे सच दिखाने पर मारे जाएंगे, तो लोकतन्त्र कमजोर हो जाएगा। पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने कीजरूरत है। सुशील कुमार श्रीवा स्तव ने कहा,कि हम सरकार से मांग करते हैं कि हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। इसके अलावा सभी पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाया जाए।
घटना के बाद विभिन्न पत्रकार संगठनों में उबाल देखने को मिला है। पत्रकारों का कहना है कि यह घटनासरकार की कानून-व्यवस्था की विफलता को दर्शाती है। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं,और पत्रकारों को निशाना भी बनाया जा रहा है। पत्रकारों पर हमला एक लोकतन्त्र पर हमला है। दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। सरकार से एक करोड़ रुपये का मुआवजा, मृतक की पत्नी को सरकारी नौक री और मामले की सी बी आई जांच की मांग की गई है। पत्रकार संग ठनों ने यह भी सवाल उठाया कि उत्तर प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस नीति क्यों नहीं बनाई गई है इससे पहले भी कई पत्रकारों पर हमले हो चुके हैं। पत्रकारों का कहना है कि सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। राघवेन्द्र बाजपेयी की हत्या ने पूरे पत्रकार जगत को झकझोर कर रख दिया है। यह सिर्फ एकव्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की आजा दी पर हमला है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है। मृतक पत्रकारों के पीड़ित परिवार वालों को मदद करने की मांग की है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
असगर अली की खबर
उतरौला बलरामपुर।
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