मुख्यमंत्री ने 76वें गणतंत्र दिवस पर अपने सरकारी आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया

मातृभूमि के लिए प्राण न्योछावर करने वाले अमर शहीदों तथा देशभक्तों को नमन करते हुए भारतीय संविधान के निर्माताओं को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की

भारत का संविधान हमें न्याय, समता और बंधुता के साथ जुड़ने की प्रेरणा प्रदान करता : मुख्यमंत्री

आज हम भारत का संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूर्ण कर रहे, यह शानदार यात्रा हम सभी को संविधान के लागू होने के अमृत महोत्सव के साथ जोड़ रही

प्रधानमंत्री जी ने 26 नवम्बर की तिथि को संविधान दिवस के रूप में मनाते हुए, संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यों से प्रेरणा प्राप्त करने के दिवस के रूप में आयोजित करने के लिए देशवासियों का आह्वान किया

जो व्यक्ति जिस क्षेत्र में कार्य कर रहा, वह यदि अपने कर्तव्यों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करेगा, तो अगले 25 वर्षों में एक विकसित भारत हम सबके सामने होगा

लखनऊ : 26 जनवरी, 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज यहां अपने सरकारी आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर उन्होंने मातृभूमि के लिए प्राण न्योछावर करने वाले अमर शहीदों तथा देशभक्तों को नमन करते हुए भारतीय संविधान के निर्माताओं को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री जी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत का संविधान हमें न्याय, समता और बंधुता के साथ जुड़ने की प्रेरणा प्रदान करता है। संविधान सम और विषम परिस्थितियों में देश को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक एकता के सूत्र में बांधने में सफल रहा है। आज हम भारत का संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूर्ण कर रहे हैं। 75 वर्षों की यह शानदार यात्रा हम सभी को संविधान के लागू होने के अमृत महोत्सव के साथ जोड़ रही है। यह हम सबके लिए नए चिंतन को आगे बढ़ाने का एक अवसर भी है। आज ही के दिन सन् 1950 में भारत ने अपना संविधान लागू करते हुए एक सम्प्रभु सम्पन्न लोकतांत्रिक गणतंत्र के रूप में अपनी यात्रा प्रारम्भ करने का निर्णय लिया। एक लम्बे संघर्ष के बाद 15 अगस्त सन् 1947 को यह देश आजाद हुआ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर, डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद जैसे अनेक स्वाधीनता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए मजबूती से नेतृत्व प्रदान किया। अन्ततः ब्रिटिश हुकूमत को भारत को स्वाधीन करने के लिए बाध्य होना पड़ा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की आजादी के ठीक पूर्व डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद जी के नेतृत्व में एक संविधान सभा का गठन हुआ। संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद को माला के रूप में पिरोने का जो गुरुत्तर दायित्व बाबा साहब डॉ0 भीमराव अंबेडकर जी को दिया गया। जिन्होंने 26 नवम्बर, 1949 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार कर संविधान सभा को सौंपा और अन्ततः 26 जनवरी, 1950 को यह देश अपना संविधान लागू करने में सफल हो पाया। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान भारत के प्रत्येक नागरिक को न्याय प्रदान करने, समता मूलक समाज की स्थापना करने तथा हमें एकता व बन्धुता के सूत्र में जोड़ने हेतु सबसे बड़ा मार्गदर्शक है। भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को न्याय व शासन की सुविधाओं का लाभ बिना भेदभाव के प्रदान करने, समाज में समता का माहौल उत्पन्न करने तथा एकता के सूत्र में बंधकर कर अपने देश की समृद्धि व सुरक्षा के विषय में सोचने की प्रेरणा प्रदान करता है। आज जब हमारा देश संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरा करके 76 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, तो हमारे सामने विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य है। विकसित भारत के निर्माण का मार्ग भारत के संविधान का अनुसरण कर तय किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत का संविधान भारत की हजारों वर्षों की उस विरासत का भी प्रतिनिधित्व करता है, जिस पर प्रत्येक भारतवासी गौरव की अनुभूति करता है। यह हम सभी के लिए अत्यन्त गौरवशाली क्षण है कि संविधान की मूल प्रति में भारत की विरासत को चित्रों के माध्यम से भी अंकित कर, प्रत्येक भारतवासी को उसके साथ जुड़ने की प्रेरणा प्रदान करता है। जब हम भारत के संविधान की मूल प्रति का अवलोकन करते हैं, तो भारतीय संस्कृति की गहराई और ऊंचाई का अहसास होता है। इस संविधान में भारत के नागरिकों के अधिकारों के साथ साथ कर्तव्यों का उल्लेख भी है। यदि प्रत्येक व्यक्ति संविधान के दायरे रहकर अपने अधिकारों की रक्षा की बात करता है, तो उसे अपने कर्तव्यों के बारे में भी सजग होना चाहिए। यही कारण है कि वर्ष 2015 में बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर के स्मारक के शिलान्यास के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 26 नवम्बर की तिथि को संविधान दिवस के रूप में मनाते हुए, संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यों से प्रेरणा प्राप्त करने के दिवस के रूप में आयोजित करने के लिए देशवासियों का आह्वान किया था। मूल कर्तव्य प्रत्येक भारतवासी के लिए मार्गदर्शन का काम करते हैं। अपने देश व समाज के प्रति उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने की प्रेरणा प्रदान करते हैं ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें अपने संविधान पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए, क्योंकि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का सौभाग्य हमारे देश को प्राप्त है। देश में बिना भेदभाव के प्रत्येक जाति, मजहब व सम्प्रदाय के हर वयस्क मतदाता को प्रथम आम चुनाव से ही मताधिकार की ताकत प्राप्त हुई। दुनिया में आधुनिक लोकतंत्र के रूप में श्रेय लेने वाले अनेक देशों में रंगभेद के आधार पर एक बड़े तबके को मताधिकार की ताकत भारत के बाद प्राप्त हुई। आधी आबादी अर्थात् महिलाओं को भी उन देशों में यह शक्ति तब मिली, जब भारत अपने यहां पहले से ही इसे लागू कर चुका था। यह सब भारत माता के महान सपूत, राष्ट्र नायक बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर के प्रयासों से सम्भव हो सका।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने हमें आने वाले समय में विकसित भारत का संकल्प प्रदान किया है। सभी नागरिक भारत के संविधान का सम्मान करते हुए तथा संविधान के मूल आदर्शों से प्रेरणा प्राप्त करते हुए, भारत के विकास तथा इसे एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए प्राणपण से कार्य करें। जो जिस क्षेत्र में कार्य कर रहा है, वह यदि अपने कर्तव्यों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करेगा, तो आने वाले अगले 25 वर्षों में एक विकसित भारत हम सबके सामने होगा।
इस अवसर पर शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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