राजकुमार गुप्ता
लोकसभा 2024 का परिणाम सामने आते ही उत्तर प्रदेश में नई बहस की शुरुआत हो गई। भाजपा अपने दम पर दंभ भर रही थी उसे उसे जनता ने सबक सिखाते हुए नसीहत दे डाली जनता के काम सिर्फ विकास आएगा राम सिर्फ आस्था के प्रतीक है। भाजपा के कद्दावर नेता भी अपनी सीट नही बचा पाए अगर लोक सभा परिणामों को यूपी की राजनीत के नजरिए से देखा जाय तो आज की स्थति में भाजपा यूपी मैं कमजोर पड़ चुकी है। इस वात का संकेत सामने आया है। इस बार के लोक सभा चुनाव मैं विपक्ष का फरेब और संविधान के लिए फैलाए गए झूठ ने दलित मतदाता पर गहरा असर डाला जिसका परिणाम उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनावों के परिणाम मै देखने को मिला भाजपा के नेता राम के भरोसे बैठ कर जमीनी हकीकत को समझने मैं चूक गए। इसे अगर देखा जाय तो भाजपा के चाणक्य कई जाने वाले अमित शाह की रणनीतिक चूक के तौर पर भी देखा जा सकता है। योगी आदित्यनाथ हर चुनावी मैदान में मोदी को प्रमुख चेहरा बताकर प्रमोट करते रहे। पर अमित शाह के इंटरव्यू और भाषण मैं हमेशा योगी आदित्यनाथ को यूपी के विकास का श्रेय ना देना भी एक बढ़ा कारण रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप भाजपा पूर्वांचल में सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। बाबरी विध्वंस के बाद भी भाजपा को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ गया था और आज भी राम मंदिर निर्माण के बाद भाजपा का अयोध्या जैसी सीट हारना इसका जीता जागता उदाहरण हैं। भाजपा को अपनी रणनीति मै पुनः एक बार आत्म चिंतन करने की जरूरत है। भाजपा नेतत्व को यूपी को लेकर गहरा मंथन करना होगा जिन जातिगत नेताओ को भाजपा ने जिम्मेदारी सौंपी उनको जमीनी स्तर पर कार्य करने होगे और दलित समाज को भरोसा दिलाना होगा किविपक्ष के द्वारा जो झूठ का जाल बिछाया गया था वो सिर्फ आपका वोट लेने को फैलाया माया जाल था।

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