राजकुमार गुप्ता 
मथुरा। पान मसाला, गुटखा और सुपारी खाने से युवाओं में ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस बीमारी लगातार बढ़ रही है। इस बीमारी के कारण मुंह खुलना धीरे-धीरे कम हो रहा है। जिला अस्पताल में हर रोज 15 से 20 लोग दंत रोग विभाग में इस समस्या से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं। डॉक्टर उपचार के साथ ही जागरूक भी कर रहे हैं कि सही समय पर इस बीमारी का इलाज नहीं किया जाए तो यह बाद में ओरल कैंसर (मुख कैंसर) का रूप ले सकती है।
पान मसाला, गुटखा और सुपारी खाने की आदत सेहत पर भारी पड़ रही है। जिला अस्पताल व जिलेभर के दंत रोग विशेषज्ञों के पास इस बीमारी से संबंधित हर रोज मरीज पहुंच रहे हैं। गर्मियों का सीजन आते ही तंबाकू के कारण मुंह में छालों की भी समस्या सामने आ रही है। जिला अस्पताल में तैनात दंत रोग विशेषज्ञ डाॅ. नीरज कुमार ने बताया कि ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसे अधिकतर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। यही बीमारी बाद में कई समस्याएं पैदा करती हैं। इसकी वजह से मुंह खोलने में परेशानी और देरी से होने वाले उपचार के कारण इसके मरीजों को अत्यधिक पीड़ा के साथ ही शारीरिक, भावनात्मक और आर्थिक मार भी सहनी पड़ती है।
तंबाकू सेवन के 4 से 5 साल बाद आती है समस्या
डाॅ. नीरज कुमार ने बताया कि ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस बीमारी तंबाकू सेवन शुरू करने के चार से पांच साल बाद होना शुरू होती है। सामान्य व्यक्ति का मुंह तीन अंगुली घुसने जितना खुलता है। मगर, इस बीमारी के होने के बाद लगातार मुख छोटा होता चला जाता है। पहले दो और फिर एक अंगुली घुसने लायक ही मुख खुलता है। अगर, समय से इलाज नहीं कराया तो मुख बंद हो जाता है और यह कैंसर का रूप धारण कर लेती है।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने