राजकुमार गुप्ता
मथुरा। उड़ता रंग गुलाल और ब्रज गीतों पर झूमते दसवीसा ब्रह्मणान के सेवायत किसी ने फूलों की होली खेली तो किसी ने रंग गुलाल की। सब भक्त गिरिराज जी के प्रसादी रंग गुलाल को मस्तक पर लगा कर धन्य हो रहे थे। सोमवार को मानसी गंगा मुकुट मुखारविंद मंदिर दसविसा में चल रहे 40 दिवसीय होली उत्सव का समापन फाग उत्सव के साथ हुआ। दसविसा ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित फागोत्सव में गिरिराज जी के प्रसादी गुलाल एक दूसरे को लगाया। हुरियारिनों ने हुरियारों की प्रेम से पगी लाठियों से पिटाई की। सेवायतों ने गिरिराज प्रभु को गुलाल लगाया और पुष्प अर्पित किए। गिरिराज जी का पंचामृत से अभिषेक किया और ठाकुर जी का श्रीकृष्ण के स्वरूप में भव्य शृंगार कर फूल बंगला सजाया। ठाकुर जी द्वारा खेली गई होली के बाद दसविसा ब्राह्मण समाज के महिला व पुरुष सज धज कर निकले। गिरिराज जी के दर्शन किए। गिरिराज जी के मंदिर प्रांगण में ही गुलाल की होली के शुरू होते ही हुरंगा महोत्सव की शुरुआत हो गई। हुरियारिनों ने हुरियारों की लाठी से पिटाई की। मंदिर रिसीवर कपिल चतुर्वेदी ने बताया कि वसंत पंचमी से मंदिर में रसिया एवं समाज गायन शुरू हो गए। फागोत्सव में कई मन गुलाल व पुष्पों की वर्षा हुई। और कृष्ण और राधा स्वरूपी ग्वाल वालों मे जमकर खेली होली जिसे जगह जगह हो रही होली को हुरंगा भी कहा जाता है । हुरंगा में सतीश बौहरे, गुड्डू बौहरे, संतोष शर्मा, बंशी मेंबर, राजू ठेकेदार, मनोज शर्मा, पप्पू मास्टर, श्रीनिवास, राकेश शर्मा, हरी बीकानेरी, विष्णु भगवान, राम बाबा, श्रीकांत शर्मा, मनोज लंबरदार, संजय शर्मा, राजू फौजी, गणेश पहलवान, सौरव शर्मा, सुनील पाठक, जनार्दन तिवारी, भोला गोकुलिया, श्रीधर पाठक, कपिल बौहरे, पंकज बौहरे, ध्रुव, हलुआ,चन्दाबाबू, पूनम, भारत आदि का सहयोग रहा।

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