जौनपुर। पुलिस पर मिलीभगत का आरोप

जौनपुर। मृतक पति को न्याय दिलाने के लिए एक विधवा महिला अधिकारों की चक्कर काट रही है परन्तु उसे इंसाफ नहीं मिल रहा है। विधवा महिला मुख्यमंत्री समेत अन्य अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भेजकर न्याय की गुहार के साथ जलालपुर पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाया हैं। 
            
आरोप है कि जलालपुर पुलिस पति के हत्यारों के साथ मिलीभगत करके उनका सहयोग कर रही है जिससे हत्यारे खुलेआम गांव में घूम रहें और पुलिस हत्यारों की गिरफ्तारी की जगह बिना किसी ठोस सबूत के हत्या की धारा को आत्महत्या में बदल रहीं है। पुलिस ने इस मामलें में 10 आरोपित मे से तीन आरोपित को गिरफ्तार करके जेल भेजा है जिसमे एक आरोपित का नाम मूल एफआईआर में नाम न होने के कारण उसकी जमानत हो गई। मामला जलालपुर थाना क्षेत्र के बीबनमऊ का है। आरोप है कि जमीनी विवाद के चलते बीते 26जनवरी को मृतक आशीष को कमलेश्वर, योगेश्वर, सत्येंद्र, सोमेश्वर सहित अन्य लोग मारते-पीटते उसे घर से ले गये थे और दुसरे दिन 27 जनवरी को घर से करीब पाँच किलोमीटर दूर आशीष लहूलूहान हाल में बाकराबाद गांव के पास वाराणसी- लखनऊ नेशनल हाइवे के किनारे मिले। 
           
सूचना पर पहुंचे परिजन 108 एंबुलेंस की मदद से आशीष को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेहटी ले गये, वहां के डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे वाराणसी ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इलाज के दौरान एक फरवरी की रात करीबी 9 बजे आशीष की मौत हो गई। मृतक आशीष करीब दो साल से अपनी पत्नी शिल्पा मिश्रा व बच्चों के साथ गांव में रहता था और अचार का व्यापार करता था। उसका व्यापार भी ठीक-ठाक चल रहा था और आशीष का पूरा परिवार मुंबई में रहता था। गांव में आशीष का आपने ही चाचा व उनके परिवार के लोगों से जमीनी विवाद चल रहा था। जमीनी विवाद को लेकर आपस में आए दिन नोक झोक होती रहती थी। 
             
मृतक आशीष के परिजनों ने बताया कि मौत के 10 दिन पूर्व आशीष और उनके चाचा के परिवार के लोगों से मारपीट हुई थी और आशीष को जान से मारने की धमकी भी दिया गया था उस समय आशीष ने थाना पर प्रार्थना पत्र देकर पुलिस से जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई थी परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके बाद सुनियोजित तरीके से आशीष की हत्या कर दी गई। मृतक की पत्नी शिल्पा ने बताया कि 26 तारीख को आशीष का फोन आया था उन्होंने कहा कि मैं सुरक्षित हूं तुम कोई पुलिस कार्रवाई नहीं करना नहीं तो मैं बहुत बुरे फंस जाऊंगा। कुछ देर बाद मै घर आ रहा हूँ और 27 तारीख की सुबह करीब 6बजे वह लहूलुहान हाल में बाकराबाद में मिले।

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