गेहूं,सरसो और मटर की फसल में कीट व रोग पर ध्यान दें किसान-जुगल किशोर 

उतरौला बलरामपुर कृषि के विशेषज्ञ व सरकारी बीज गोदाम प्रभारी डाक्टर जुगुल किशोर ने आज किसानों को सलाह देते हुए है कि मौजूदा मौसम को देखते हुए गेहूं,सरसो,मटर सहित रबी की अन्य फसलों में कीट व अन्य रोगों पर विशेष ध्यान दें, इनके लक्षण मिलते ही जरूरी उपचार के लिए छिड़काव करेंं। उन्होंने कहा कि इस मौसम में फसलों में कीट व्याधि व रोगों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में फसलों का निरन्तर देखभाल करने की जरूरत है, गेहूं में गेरूई रोग एंव पत्ती धब्बा रोग के नियंत्रण के लिए थायोफिनेट मिथाइल व जीरम मैकोजेब या जीनेव को पानी में घोलकर छिड़काव करें।सरसो में अल्टरनेरिया ब्लाइट,तना सड़न रोग के लक्षण पाए जाने पर डाइथेन एम 45 या कार्बेन्डाजिम को पानी में घोलकर छिड़काव करें। सरसों में सफेद रतुआ की रोकथाम के लिए मेटालेक्जिल व मैकोजेब को पानी में घोलकर छिड़काव करें।सरसो में माहू कीट व चेपा कीट का प्रकोप होने पर शुरुवाती आक्रमण के लिए माहूयुक्त टहनियों को तोड़कर नष्ट करते रहें, तथा अधिक प्रकोप होने पर रसायनिक उपचार के लिए डाइमिथोएट को पानी में घोलकर छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि इसी तरह मटर में अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा एंव तुलासिता रोग के नियंत्रण के लिए मैकोजेब या जिनेब या कापर आक्सीक्लोराइड का पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।मटर में बुकनी रोग के बचाव के लिए घुलनशील गंधक या ट्राईडेमेफान का छिड़काव करें,आलू में पिछैती झुलसा की रोकथाम के लिए मैकोजेब या प्रोपिनेब अथवा क्लोरोथेलोनिल युक्त फफूंदी नाशक का छिड़काव करें। इसी तरह आम की फसलों में भुनगा कीट की रोकथाम के लिए इमिडाक्लोप्रिड व प्रोफेनोफास का घोल बनाकर छिड़काव करें।
असगर अली
उतरौला 

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