संवाददाता रणजीत जीनगर

सिरोही:-राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच एन रेकवाल के साहब के आह्वान पर चार चरणों के आंदोलन की घोषणा के तहत आज सिरोही जिला पर माननीय जिला कलेक्टर महोदय भंवरलाल के द्वारा राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया ।
बहुजन क्रांति मोर्चा के जिला संयोजक एडवोकेट सुंदरलाल मोसलपुरिया ने बताया कि *यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता लागू करके आदिवासियों, सिखों, ईसाइयों और मुस्लिमों के पर्सनल लॉ / कस्टमरी लॉ खत्म करने की सुनियोजित साजिश की जा रही हैं । यदि उनकी मूल पहचान और उनके कस्टमरी लॉ खत्म हो गए तो उनकी अलग संवैधानिक पहचान और अधिकार भी खत्म हो जायेंगे ?*                    *सबसे ज्यादा आदिवासियों का सत्यानाश होगा कॉमन सिविल कोड से । उनकी संवैधानिक पहचान, संवैधानिक अधिकार और आर्टिकल 244 के तहत मिले हुए 5 वी / 6 टी अनुसूची के विशेषाधिकार खत्म हो जायेंगे ।              *ब्राह्मण आदिवासियों को वनवासी कहकर पूर्व से उनकी आदिवासी पहचान खत्म करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे है*
 *भारत के लॉ कमीशन ने यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड पर अगले 30 दिन में लोगों से अपने सुझाव भेजने का नोटिस जारी किया है*
इस ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार को इस बिल को वापिस लेने की मांग कर रहे है अन्यथा आगामी 18 जुलाई को 5000 हजार तहसील स्तर पर धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया जाएगा । 
इस ज्ञापन में निम्न पदाधिकारी एडवोकेट सुंदरलाल मोसलपुरिया जिला संयोजक बहुजन क्रांति मोर्चा, एडवोकेट आनंद देव सुमन इंडियन लीगल प्रोफेशनल एसोसिएशन एडवोकेट दशरथ सिंह आढा जिला संयोजक राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के पदाधिकारी माननीय मोहनलाल मंडवारिया बलवंत कुमार ,नारायण लाल रोहित, नरेंद्र पाल सिंह राव, दिनेश चौहान, प्रफुल्ल माली, कुलदीप रावल, रोहित नचाराम आदि अन्य उपस्थित रहे।

1 टिप्पणियाँ

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  1. संविधानिक पहचान से लोगो में शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनेतिक में बदलाव आया है । कुछ लोगो को संविधान के तहत पहचान से तखलीफ हो रही है । भारत देश को हिंदुस्तान कहते है । उन्हें भी संविधान के तहत सजा मिलनी चाहिए।

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