राजकुमार गुप्ता 
वृन्दावन।चैतन्य विहार - पापड़ी चौराहा स्थित भक्ति मन्दिर का 23 वां दिव्य व भव्य पाटोत्सव विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम से सम्पन्न हुआ। प्रात: काल भक्ति महारानी की प्रतिमा का पंचामृत से वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य अभिषेक किया गया।तत्पश्चात विश्व शांति हेतु वृहद महायज्ञ सम्पन्न हुआ।जिसमें वेदज्ञ विप्रों व देश के विभिन्न प्रांतों से आए सैकड़ों भक्तों व श्रद्धालुओं ने आहुतियां डाली। 
इस अवसर पर आयोजित संत विद्वत सम्मेलन में भक्ति मन्दिर के सेवायत आचार्य डॉ. सहदेव कृष्ण चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन का यह भक्ति मन्दिर विश्व का एकमात्र ऐसा मन्दिर है जहां पर कि भक्ति महारानी मूर्तिमान स्वरूप में विराजित हैं। 
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि ब्रज भूमि भक्ति की वो दिव्य भूमि है, जहां अनपढ़ गोपियों की दृढ़ भक्ति ने ब्रह्मज्ञानी उद्धव के ज्ञान के घमंड को चूर-चूर कर दिया था। इसीलिए ब्रजभूमि में प्रभु के तमाम भक्त हुए हैं। 
ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष. पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि भक्ति मन्दिर की स्थापना हिन्दी व संस्कृत के प्रकांड विद्वान सप्त विषय आचार्य डॉ. वासुदेव कृष्ण चतुर्वेदी ने की थी।यह मंदिर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की सूची में भी दर्ज है।इसीलिए यहां देश - विदेश के असंख्य भक्ति-श्रृद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं।
भक्ति मन्दिर के प्रबन्धक आनंद कुमार चौबे ने कहा कि भक्ति मन्दिर अत्यंत सिद्ध व चमत्कारिक मन्दिर है। यहां आने वाले प्रत्येक भक्त की मनोकामना निश्चित ही पूर्ण होती है। इसीलिए यहां देश-विदेश के असंख्य श्रद्धालु आते रहते हैं।
रात्रि को अखंड हरिनाम संकीर्तन व भजन संध्या के आयोजन भी सम्पन्न हुए।संत-ब्रजवासी-वैष्णव सेवा व समष्टि भंडारा भी हुआ।
पाटोत्सव में दीपक चतुर्वेदी (इंजीनियर),डॉ. के एन चतुर्वेदी (फरीदाबाद),मोना रावत,प्रथु चतुर्वेदी, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,माधव कृष्ण चतुर्वेदी,आशीष चतुर्वेदी, धुव्र चतुर्वेदी,संत रास बिहारी दास आदि की उपस्थिति विशेष रही। संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।

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