'आप विदेश नहीं, अपने पूर्वजों के घर आएं हैं', कोरिया के जोग्ये भिक्षु

संघ से बोले सीएम योगी


भारत-दक्षिण कोरिया के राजनयिक संबंधों के पचास वर्ष पूर्ण होने पर

कोरिया जोग्ये भिक्षु संघ के अभिनंदन कार्यक्रम को मुख्यमंत्री योगी

आदित्यनाथ ने किया संबोधित


शताब्दियों पुराने हैं भारत और दक्षिण कोरिया के संस्कृतिक और

आध्यात्मिक सम्बंध : सीएम योगी


बोले सीएम- दक्षिण कोरिया और भारत के संबंध पीएम मोदी के

नेतृत्व में नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहे हैं


22 मार्च, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत

और दक्षिण कोरिया के संस्कृतिक और आध्यात्मिक सम्बंध

शताब्दियों पुराने हैं। इस दृष्टि से आप विदेश में नहीं बल्कि अपने

पूर्वजों के घर में आए हैं। कोरिया के ध्यान पंथ श्योन की उत्पत्ति

श्रावस्ती के जैतवन से हुई है। उन्होंने कहा कि दो हजार वर्ष पूर्व

अयोध्या की राजकुमारी ने जलमार्ग से दक्षिण कोरिया की यात्रा की

थी। जहां उनका विवाह राजा किम सुरो के साथ हुआ। वहां उनका

नाम हू वांग आंक पड़ा। उन दोनों से कड़क वंश की स्थापना हुई।

वर्तमान समय में दक्षिण कोरिया में एक बड़ी आबादी इस वंश से

जुड़ी हुई है। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में


दक्षिण कोरिया और भारत के संबंध एक नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर

रहे हैं। वर्ष 2018 में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन और

प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी के गौतमबुद्धनगर में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स

की नई मोबाइल फोन निर्माण इकाई का संयुक्त रूप से उद्धघाटन

किया था।


भारत-दक्षिण कोरिया के राजनयिक संबंधों के पचास वर्ष पूर्ण होने पर

कोरिया जोग्ये भिक्षु संघ के अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित किया।

इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया की

स्वतंत्रता की तिथि 15 अगस्त है। वर्तमान में भारतवासी अपनी

आजादी के अमृत महोत्सव के उपरांत अमृत काल के प्रथम वर्ष में

प्रवेश किये हैं। भारत और दक्षिण कोरिया जी20 समूह के सदस्य हैं।

अपनी आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में भारत को जी20 समूह की

अध्यक्षता करने का अवसर प्राप्त हुआ है। इस वर्ष जी20 की थीम

एक धरा, एक परिवार और एक भविष्य है। यह भारत की प्राचीन

वसुधैव कुटुंबकम के भाव से जोड़ती है। पूरी दुनिया में जब मैत्री और

करुणा की बात होती है तो विश्व मानवता भगवान बुद्ध की बात

करती है। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए यह गौरव का

विषय है कि भगवान गौतमबुद्ध से जुड़े अनेक स्थल यहां पर

अवस्थित हैं। भगवान बुद्ध ने अपने जीवन का दो तिहाई हिस्सा

उत्तर प्रदेश में व्यतीत किया था।


सीएम योगी ने कहा कि वाराणसी के समीप सारनाथ में भगवान

बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। भगवान बुद्ध ने सर्वाधिक 25

वर्षावास श्रावस्ती में व्यतीत किया था। उनकी महापरिनिर्वाण स्थली

भी कुशीनगर भी उत्तर प्रदेश में हैं। उत्तर प्रदेश में पवित्र बौद्ध स्थल

श्रावस्ती, कपिलवस्तु, देवदह, कुशीनगर, संकिशा, ललितपुर, देवगढ़, आई

छत्र बरेली और कौशांबी बौद्ध हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का

एक मात्र राज्य है जहां सरकारी स्तर पर संचालित विशाल बुद्ध

विहार शांति उपवन है। हमारे प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध

संस्थान भी है। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश सरकार

द्वारा सभी बौद्ध स्थलों को विकसित किया जा रहा है।


सीएम योगी ने कहा कि कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट संचालित हो

गया है। श्रावस्ती एयरपोर्ट का विकास युद्ध स्तर पर चल रहा है

शीघ्र ही हम उसे वायु सेवा से जोड़ेंगे। महात्मा बुद्ध के नाम पर हम

एक कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुशीनगर में ही स्थापित

करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया का

परस्पर व्यापार 28 बिलियन डॉलर का है, जिसमें भारत नौ बिलियन

डॉलर की वस्तुएं निर्यात करता है और 19 बिलियन डॉलर की वस्तुएं

आयात भी करता है। आधुनिक युग में भारत और दक्षिण कोरिया के

राजनितिक सम्बंध के पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं, लेकिन वास्तव में

भारत और दक्षिण कोरिया के आध्यात्मिक सम्बंध शताब्दियों पुराने

हैं। दोनों देशों की खुशहाली की प्रार्थना जब भिक्षु संघ या हमारे संत

करते हैं तो वह निश्चित ही फलीभूत होती है।


कार्यक्रम में जोग्ये भिक्षु संघ के नायक जोस्यून, पर्यटन एवं संस्कृति

मंत्री जयवीर सिंह, दक्षिण कोरिया में भारत के राजदूत अमित कुमार,

भारत में दक्षिण कोरिया के उप राजदूत सांग हो लिम, इंटरनेशनल

इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कंफेडरेशन के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी,

अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और बड़ी संख्या में

बौद्ध भिक्षु मौजूद थे।


43 दिनों में की 1168 किमी. यात्रा

दक्षिण कोरिया की सैंगवोल सोसाइटी इस पैदल यात्रा की आयोजक है।

कोरिया के बौद्ध भिक्षुओं की यह यात्रा सारनाथ से शुरू होकर,

बोधगया, गृद्धकूट पर्वत राजगीर, नालंदा, वैशाली, कुशीनगर, लुंबनी,

कपिलवस्तु के दर्शन करते हुए श्रावस्ती में सम्पन्न हुई थी। इसके

बाद बौद्ध भिक्षु लखनऊ पहुंचे, जहां सीएम योगी ने उनका अभिनंदन

किया। भिक्षु संघ ने 43 दिनों में 1168 किमी. यात्रा की है।

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