उतरौला/बलरामपुरबुधवार की रात दारूल उलूम अहले सुन्नत ज़ियाउल इस्लाम जामा मस्जिद में सत्र की समाप्ति पर 33 छात्रों को दस्तारबंदी के साथ ही सनद दी गई। 
प्रिंसिपल मौलाना मोहम्मद अजमल फैजी, प्रबंधक डॉ मुबारक अहमद व मुफ्ती मोहम्मद जमील अहमद खान की देखरेख में जलसा ए दस्तार संपन्न हुआ।
मौलाना सैयद सैफुल्लाह अलीमी, मौलाना मुख्तार अहमद, पीरे तरीकत सैयद अब्दुर्रब, मौलाना नजीरुल हसन कादरी द्वारा 26 हाफिज ए कुरान कुरान, व सात आलिमो फाजिल का कोर्स करने वाले कुल 33 तलबा को दस्तार बांधा गया तथा सभी को सनद देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा मदरसे में टॉप थ्री तलबा अरबाज़ खान, अहमद अली, मोहम्मद हुसैन को साबिर अंसारी डॉक्टर सल्लू रायनी, अबरार अहमद द्वारा विशेष पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। नातिया शायर सोहेल जाफराबादी, जाकिर रज़ा, मखदूम मुबारक, आरिफ रज़ा, शबी अहमद, आसिफ सुल्तान की नाते पाक सुनकर पूरा मजमा झूम उठा।
मुफ्ती गुलाम यहिया मिस्बाही ने कहा कि उतरौला का यह मदरसा शैक्षिक रूप से बेहद अहम है। देश के विभिन्न स्थानों से आकर इस मदरसा में शिक्षा प्राप्त कर अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे है। 
मुख्य वक्ता सैय्यद सैफुल्लाह अलीमी, मौलाना मुख्तार अहमद, सैयद अब्दुर्रब, मौलाना नजीरुल हसन कादरी ने कहा कि दुनिया में तालीम के बगैर किसी का रूतबा नहीं है। मनुष्य को तालीम का  उपयोग एक दूसरे की मदद के लिए करना चाहिए। विकास का रास्ता भी इसी से खुलता है। इसके लिए मदरसा जियाउल इस्लाम का एक अहम मुकाम है। जो सतत इस दिशा में काम कर रहा है।
मदरसा प्रिंसिपल मौलाना मोहम्मद अजमल ने कहा कि, आज दसतार में 33 तलबा को दस्तार बांधा गया है। अब यह तलबा भी किसी मौलवी की तरह इस्लाम धर्म की जानकारी देने का हक रखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक दिनी तालीम याफ्ता तलबा पूरे खानदान व समाज को सवार सकता है। जलसे का निजामत नूर मोहम्मद वाहिदी एवं मौलाना रेहान अहमद ने किया। सलातो सलाम के बाद मुल्क की तरक्की खुशहाली व अमनो अमान की दुआ कर जलसे का समापन किया गया। 
जलसे में हाफिज अब्दुल दय्यान, मौलाना आसिफ रज़ा, मास्टर आफाक अहमद, अब्दुल हक, हसमत अली, कासिम रज़ा, मेराजुद्दीन, कारी सलाहुद्दीन, महबूब रज़ा, अब्दुल हक, रफीउद्दीन, आशिकुर्रहमान, शोएब अहमद, मोहम्मद इलियास, गुलाम मोहिउद्दीन, अख्तर रज़ा शाह आलम, आफाक अहमद, अबरार अहमद समेत भारी संख्या में अभिभावक व अकीदतमंद मौजूद रहे।
असगर अली 
उतरौला 

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