राजकुमार गुप्ता
मथुरा।।मानिक चौक क्षेत्र स्थित श्रीआदिवाराह मन्दिर प्रांगण में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञानयज्ञ महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है।महोत्सव का शुभारंभ मानिक चौक से कथा स्थल तक निकाली गई श्रीमद्भागवतजी की भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ।जिसमें महिलाएं पीत वस्त्र धारण कर एवं सिर पर मंगल कलश धारण किए साथ चल रही थीं।तत्पश्चात वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य ग्रंथ एवं व्यासपीठ का पूजन आचार्यों की  सन्निधि में हुआ।
व्यासपीठ पर आसीन वृन्दावन स्थित श्रीराम मन्दिर के अध्यक्ष आचार्य महंत रामदेव चतुर्वेदी महाराज ने भक्तों श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत के महात्म्य की कथा का रसपान कराते हुए कहा कि जब मनुष्य के कई-कई जन्मों के पुण्यों का उदय होता है,तब उन्हें सत्संग व भगवद कथा श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।श्रीमद्भागवत स्वयं भगवान श्रीकृष्ण का वांग्मय स्वरूप है।इसमें समस्त धर्म ग्रंथों का सार निहित है,इसीलिए इसे पंचम वेद कहा गया है।इसका श्रवण मनुष्य के सभी पापों का हरण करने वाला है।
उन्होंने कहा कि श्रृंगी ऋषि से सात दिन में मृत्यु का श्राप पा चुके राजा परीक्षित को भगवान सुखदेवजी ने श्रीमद्भागवत की अमृत कथा श्रवण कराकर ही उनका कल्याण किया था।इसीलिए इस ग्रंथ का श्रवण,वाचन व अध्ययन तीनों ही कल्याणकारी हैं।साथ ही भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकी आल्हादिनी शक्ति श्रीराधा की लीला भूमि ब्रजमंडल में इसका श्रवण करना शतगुणा अधिक फलदायी व पुण्यदायी होता है।
इस अवसर पर महोत्सव की मुख्य यजमान श्रीमती गुलाब चतुर्वेदी, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गोपाल चतुर्वेदी, विनय चतुर्वेदी (दुबई), अभय चतुर्वेदी (मुंबई), आचार्य लवदेव चतुर्वेदी, आचार्य कुशदेव चतुर्वेदी, डॉ. राधाकांत शर्मा, श्रीमती कुंजलता शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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