मैं शिक्षक हूँ, मैं शिक्षा की तस्वीर बदलूंगा "भारत के छात्रों की तकदीर बदलदूंगा- वीना चौधरी

गिरजा शंकर विद्यार्थी ब्यूरों

अंबेडकर नगर। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में स्थित प्राथमिक विद्यालय / प्रधानाध्यापक के दो दिवसीय "अभिमुखीकरण कार्यक्रम" का समापन आहार प्राचार्य व प्रभार डी.आई.ओ.एस. मनोज गिरि द्वारा किया गया। इस दौरान प्रकार्य के दौरान मनोज गिरि जी ने शिक्षा के दूसरे दिन प्रमाण पत्र प्रदान करने से पूर्व संदेश देते हुए कहा कि वर्तमान समय में माध्यमिक शिक्षा में व्यापक सुधार हुआ है, तमाम योजना संचालित की जा रही है और इन योजनाओं के बारे में जानकारी होने के बाद उसी पर ठीक तरीके से अमल किया जा सकता है। साथ ही यह भी बताया गया कि अभिमुखीकरण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ही आप सभी को माध्यमिक शिक्षा विभाग के संबंध में जानकारी देना और इसके द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताना था, जिससे आप सभी शिक्षकों को अपने विद्यालयों में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।यह प्रशिक्षण आपको कार्य को सही एवं प्रभावपूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए करता है।

आज प्रशिक्षण के दूसरे दिन पहले सत्र में समय प्रबंधन पर दिनेश कुमार मौर्य द्वारा चर्चा की गई। इसके बाद विद्यालय कार्य योजना पर डॉ सुरेश कुमार एवं नित्येश प्रसाद तिवारी द्वारा चर्चा की गई।दूसरा सत्र सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय जिला विद्यालय पर्यवेक्षक द्वारा लिया गया।

प्रशिक्षण प्रभारी श्रीमती वीना चौधरी ने प्रशिक्षण के उद्देश्य का उल्लेख करते हुए अपने हिस्से में बताया कि आप एक नेता और शिक्षक दोनो हैं।शिक्षक समाज के निर्माता एवं दिशानिर्देश हैं। शिक्षक का संपूर्ण अपना व्यक्तित्व उसके व्यवहार, व्यवहार, नेतृत्व क्षमता, सीखने और सिखाने की क्षमता, सहयोग व्यवहार, बच्चों के साथ उसका पूर्ण आत्मीय संबंध, उसकी वेशभूषा, समाज में उसकी भूमिका आदि पर कायम है। एक आदर्श शिक्षक के रूप में वहीं शिक्षक आ सकते हैं जो अपना तन, मन और धन अपने छात्रों के लिए देने के लिए दृढ़ संकल्प रहते हैं। शिक्षक को चतुर, उत्तरदायित्व का पूर्ण कार्य, नेतृत्व क्षमता वाला होना चाहिए। आपको अभिव्यक्ति की क्षमता होनी चाहिए, ताकि वह अपनी बात अपने छात्रों तक पहुंचा सके। किसी भी संकट के समय आपकी बुद्धि इतनी तीव्र हो जाती है कि वह तुरंत निर्णय लेकर क्या करता है? यह सोच विशेष,स्वयं की गरिमा बनाए रखें हमेशा यह समझें कि" -मैं शिक्षक हूं, मैं शिक्षा की तस्वीर बदलूंगा "भारत के छात्रों की तकदीर बदलूंगा"। शिक्षक को हमेशा अपने पद एवं गरिमा के अनुरूप कार्य करना चाहिए। सभी प्राथमिक विद्यालयों द्वारा प्रशिक्षण संबंधी प्रस्तुतिकरण किया गया। उपस्थिति प्रधानाचार्य ने एक सुर में कहा कि यह प्रशिक्षण हमारे लिए बहुत उपयोगी है। प्रभार विभा सिंह द्वारा उपस्थिति प्रधानाध्यापकों अन्य के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया गया। । शिक्षक को हमेशा अपने पद एवं गरिमा के अनुरूप कार्य करना चाहिए। सभी प्राथमिक विद्यालयों द्वारा प्रशिक्षण संबंधी प्रस्तुतिकरण किया गया। उपस्थिति प्रधानाचार्य ने एक सुर में कहा कि यह प्रशिक्षण हमारे लिए बहुत उपयोगी है। प्रभार विभा सिंह द्वारा उपस्थिति प्रधानाध्यापकों अन्य के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया गया। । शिक्षक को हमेशा अपने पद एवं गरिमा के अनुरूप कार्य करना चाहिए। सभी प्राथमिक विद्यालयों द्वारा प्रशिक्षण संबंधी प्रस्तुतिकरण किया गया। उपस्थिति प्रधानाचार्य ने एक सुर में कहा कि यह प्रशिक्षण हमारे लिए बहुत उपयोगी है। प्रभारी विभा सिंह द्वारा उपस्थिति प्रधानाध्यापकों अन्य के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

इस डायट लिपिकार शशिकांत, वीरेंद्र वर्मा, शुचि राय, श्याम बिहारी बिंद, मोहम्मद अफजल, मोहम्मद फैजान, राकेश वर्मा, अखिलेश कुमार वर्मा, सुरकुमार कुमार, दिनेश कुमार मौर्य आदि उपस्थित थे।

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