राजकुमार गुप्ता
वृन्दावन।राधा बाग-केशवाश्रम क्षेत्र स्थित श्रीश्री कात्यायनी पीठ में मां कात्यायनी मन्दिर के अष्ट दिवसीय शताब्दी समारोह का शुभारंभ मंदिर से कथा स्थल तक निकलने वाली श्रीमद्भागवत की भव्य शोभायात्रा के साथ हो गया है।इसके साथ ही शतचंडी महायज्ञ व शतचंडी पाठ आदि के कार्यक्रम भी प्रारम्भ हो गए हैं।
शोभायात्रा में तमाम महिलाएं पीत वस्त्र धारण कर एवं सिर पर मंगल कलश धारण किए साथ चल रही थी।साथ ही श्रीहरिनाम संकीर्तन व मंगल गान करते हुए अनेकों भक्त शोभायात्रा में शामिल हुए।
ठाकुर श्रीराधा रमण मन्दिर के सेवायत व प्रख्यात अध्यात्मगुरु वैष्णवाचार्य श्रीवत्स गोस्वामी महाराज ने श्रीमद्भागवत महापुराण के महात्म्य की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत भागवत भगवान श्रीकृष्ण का वांग्मय स्वरूप है।इसमें समस्त धर्म ग्रंथों का सार निहित है।इसलिए इसे पंचम वेद कहा गया है।इसका श्रवण जो व्यक्ति जिस कामना से करता है,उसकी वह कामना निश्चित ही पूर्ण होती है।
इस अवसर पर अध्यात्म विदुषी श्रीमती संध्या गोस्वामी ने "महामंत्र" का संकीर्तन करा कर सभी को भाव विभोर कर दिया।
महोत्सव में कात्यायनी ट्रस्ट के अध्यक्ष विष्णु प्रकाश,
उपाध्यक्ष रीता मेनन, सचिव रवि दयाल, प्रबन्धक राजेन्द्र शर्मा,अजय बहादुर, प्रभात माथुर, ऋषि दयाल,प्रसिद्ध उद्योगपति मनीष यादव,वरुण दास, डॉ मारुति, के. के. अग्रवाल(सी. ए.),नरेश दयाल,प्रमुख समाजसेवी महेश वार्ष्णेय, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, महेश खंडेलवाल, आचार्य जुगल किशोर शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा , रोटेरियन भरत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।इससे पूर्व अपर जिला जज (बुलंदशहर) संगीता शर्मा ने मां कात्यायनी को पोशाक अर्पित की।
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