मुख्यमंत्री के समक्ष ‘अयोध्या महायोजना-2031’ का प्रस्तुतीकरण

अयोध्या के सर्वांगीण विकास एवं विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के निर्देश

सभी अधिकारी पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए अयोध्या को विकास पथ पर अग्रसर करें: मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप धर्म नगरी अयोध्या का समग्र विकास प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता

अयोध्या महायोजना को 84 कोस की शास्त्रीय सीमा तक विस्तारित करने के निर्देश

महायोजना में ईज ऑफ लिविंग के महत्वपूर्ण संकल्प को आधार बनाया जाए

अयोध्या नगर के नियोजित विकास के दृष्टिगत महायोजना के प्रस्तावों के क्रियान्वयन हेतु जोनल प्लान तैयार किये जाएं

विकास को नियोजित दिशा में आगे बढ़ाया जाए, ताकि किसी भी दशा में अनियंत्रित, अनियोजित बसावट विकसित न हो

अयोध्या में चौराहों का नामकरण यहां की पौराणिक स्मृतियों व परम्पराओं से जुड़े महान चरित्रों के आधार पर किया जाए

श्रीराम जन्मभूमि परिसर के आसपास के क्षेत्र तथा पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में ईको फ्रेण्डली वाहनों के संचालन को बढ़ावा दिया जाए, सरयू जी में चलने वाली बोट, स्टीमर इत्यादि ग्रीन फ्यूल पर आधारित हों

‘अयोध्या महायोजना-2031’ में नगर की यातायात एवं परिवहन की सुचारु एवं सुगम व्यवस्था हेतु मल्टीलेवल पार्किंग एवं टर्मिनल विकसित किये जाएं


लखनऊ: 28 नवम्बर, 2022

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष आज यहां उनके सरकारी आवास पर ‘अयोध्या महायोजना-2031’ का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री जी ने अयोध्या के सर्वांगीण विकास एवं विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के निर्देश देते हुए कहा कि अयोध्या की तरफ पूरा देश व दुनिया देख रही है। इसलिए सभी अधिकारी पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए अयोध्या को विकास पथ पर अग्रसर करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुरूप धर्म नगरी अयोध्या का समग्र विकास प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। अयोध्या महायोजना को 84 कोस की शास्त्रीय सीमा तक विस्तारित करने के उन्होंने निर्देश दिये। महायोजना में ईज ऑफ लिविंग के महत्वपूर्ण संकल्प को आधार बनाया जाए। श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र के आसपास कॉमन बिल्डिंग कोड लागू किया जाए। कॉमन बिल्डिंग कोड से भवनों के रंग संयोजन में एकरूपता आएगी। अयोध्या में चौराहों का नामकरण यहां की पौराणिक स्मृतियों व परम्पराओं से जुड़े महान चरित्रों के आधार पर किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या नगर के नियोजित विकास के दृष्टिगत महायोजना के प्रस्तावों के क्रियान्वयन हेतु जोनल प्लान तैयार किये जाएं तथा विकास को नियोजित दिशा में आगे बढ़ाया जाए, ताकि किसी भी दशा में अनियंत्रित, अनियोजित बसावट विकसित न हो। उन्होंने अयोध्या को ग्रीन अयोध्या के रूप में विकसित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सरयू जी में चलने वाली बोट, स्टीमर इत्यादि ग्रीन फ्यूल पर आधारित हों। श्रीराम जन्मभूमि परिसर के आसपास के क्षेत्र तथा पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में ईको फ्रेण्डली वाहनों के संचालन को बढ़ावा दिया जाए, जिससे यह क्षेत्र प्रदूषण रहित हो सकेगा। अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘अयोध्या महायोजना-2031’ में नगर की यातायात एवं परिवहन की सुचारु एवं सुगम व्यवस्था हेतु मल्टीलेवल पार्किंग एवं टर्मिनल विकसित किये जाएं। अयोध्या में श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों के लिए ऑफ सीजन में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर से अधिकतम 02 किलोमीटर एवं पर्व एवं त्योहारों के अवसर पर अधिकतम 05 किलोमीटर पहले ही पार्किंग की व्यवस्था की जाए। तय मानकों के अनुरूप मार्गाें के चौड़ीकरण का कार्य किया जाए। प्रभावित लोगों के मुआवजे की कार्यवाही तेज की जाए। उन्होंने ‘अयोध्या विजन-2047’ की सभी योजनाओं को गुणवत्तायुक्त एवं तय समय में पूर्ण करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री प्रशान्त त्रिवेदी, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन श्री नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग श्री नरेन्द्र भूषण, आवास आयुक्त श्री रणवीर प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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