जौनपुर। जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी व अधिशासी अधिकारी को नोटिस जारी

जौनपुर। डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या व भयावहता का हवाला देते हुए अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव द्वारा किए गए परिवाद पर स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष बुद्धिराम, सदस्य रमेश चंद्र राय व विजय शंकर श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को नोटिस जारी किया है।
        
आपत्ति व निस्तारण के लिए 28 नवंबर तिथि नियत की गई। विपक्षी गण को आदेश दिया गया है कि डेंगू की बीमारी शहर में फैल गई है। नोटिस तामीला और आपत्ति आने तक यह भयावह बीमारी उग्र रूप धारण कर सकती है जिससे जनसामान्य को अपूरणीय क्षति की संभावना है। ऐसी परिस्थिति में विपक्षी गण को साफ सफाई और मच्छर को नष्ट करने के लिए दवा के छिड़काव का अंतरिम आदेश दिया जाता है। दीवानी न्यायालय, कलेक्ट्रेट, जिला अस्पताल, अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों तथा विभिन्न मोहल्लों में कूड़ा की नियमित साफ-सफाई और मच्छर मारने की दवा का छिड़काव करवाएं। साथ ही जनसामान्य में इस रोग से बचाव के लिए जागरूक करवाएं। दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव निवासी जोगियापुर ने अधिवक्ता मनीष सिंह के माध्यम से जिलाधिकारी,मुख्य चिकित्सा अधिकारी व अधिशासी अधिकारी के खिलाफ परिवाद दायर किया कि जनपद में काफी संख्या में लोग डेंगू की बीमारी से पीड़ित हैं तथा कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है।दीवानी न्यायालय के भी कई अधिवक्ता पीड़ित हैं।बीमारी का मुख्य कारण विशेष प्रजाति के मच्छर हैं। जिनसे यह बीमारी फैल रही है। दीवानी परिसर कलेक्ट्रेट के अलावा विभिन्न मोहल्लों,कालोनियों व गलियों में रोजाना कम से कम 2 बार अभियान चलाकर दवा का छिड़काव करवाया जाना चाहिए तथा लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए अन्यथा यह बीमारी उग्र रूप ले लेगी। बीमारी से बचाव के लिए प्रशासन को उचित प्रबंध करना चाहिए। परिवाद के समर्थन में विभिन्न समाचार पत्रों में निकली खबरों का हवाला दिया गया। जिला चिकित्सालय के जन औषधि केंद्र के पास कूड़े के अंबार का भी हवाला दिया गया। जिसमें मच्छर पनपने की पूर्ण संभावना बनी रहती है। उसी जिला चिकित्सालय में डेंगू पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है। कोरोना की तरह इस बीमारी की भी कोई दवा नहीं बनी है। काफी संख्या में डेंगू पीड़ित सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती हैं। एक प्रार्थना पत्र यह भी दिया गया कि परिवाद पर तत्काल विपक्षी गण को आदेश दिया जाए अन्यथा अपूरणीय क्षति होगी और परिवाद दाखिल करने का मकसद समाप्त हो जाएगा। जिस पर कोर्ट ने त्वरित कार्यवाही का आदेश दिया।

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