अंबेडकरनगर
देवोत्थानी एकादशी का पर्व शुक्रवार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दौरान श्रद्धालु भगवान भगवान विष्णु की आराधना कर कथा व पूजन करेंगे। एकादशी पर मड़हा बिसुही के संगम तट पर स्थित मातृ पितृ भक्ति के प्रतीक श्रवण कुमार की तपोस्थली से सप्तकोसी परिक्रमा भी होगी।एकादशी की पूजा से जुड़ी तैयारियों को लेकर गुरुवार को इसमें इस्तेमाल होने वाले गन्ना, सिंघाड़ा व शकरकंद की खरीददारी को लेकर दुकानों पर भक्तों की भीड़ रही। देवोत्थान एकादशी के साथ ही बीते चार माह से निद्रा में चल रहे भगवान विष्णु के कारण बंद वैवाहिक व मांगलिक कार्य भी उनके जागने के साथ शुरू हो जाएंगे।भगवान विष्णु इस दिन विश्राम त्याग कर अपना कामकाज संभालते हैं। इसके चलते ही भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। देवोत्थानी एकादशी के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र श्रवणधाम में एकत्रित हो कर सप्तकोसी परिक्रमा भी करेंगे।
श्रवण क्षेत्र धाम से निकलने वाली परिक्रमा अन्नावां, शिवबाबा, अकबरपुर पुराने तहसील तिराहे से होते हुए शहजादपुर पूर्वी नाका तक पहुंच कर मालीपुर रोड से वापस पहितीपुर मार्ग होते हुए पहितीपुर बाजार होकर वापस श्रवणधाम पहुंचकर समाप्त होगी। इस दौरान श्रद्धालु रास्ते में पड़ने वाले विभिन्न धार्मिक स्थलों पर माथा टेक कर पूजा अर्चना भी करेंगे।एसडीएम सदर पवन जायसवाल ने गुरुवार शाम को श्रवणक्षेत्र पहुंचकर परिक्रमा स्थल से जुड़ी व्यवस्थाओं का जायजा लेकर पूरे रूट पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखने का निर्देश भी दिया।
टांडा के पंडित अजीत द्विवेदी ने बताया कि एकादशी व्रत का महत्व अन्य व्रतों से काफी अलग है। बताया कि जिनकी कुंडली में पितृ दोष होता है उन्हें एकादशी व्रत रखना चाहिए। साथ ही जिन पर शनि की साढ़े साती व ढैया चल रही हो उन्हें भी इस व्रत को अवश्य करना चाहिए। बताया कि देवोत्थान एकादशी पर घरों में देरशाम को पूजा के बाद गन्ना चूसने के साथ ही अगली सुबह गन्ने से सूप पीट कर घर से दरिद्रता भगाने की परंपरा का निर्वहन भी होगा।

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