मुंगराबादशाहपुर। किसानों के लिए अभिशाप बनी नगर की कमासिन ड्रेन

आखिर क्यों ठप है नगर के कमासिन ड्रेन की सफाई,किसानों को करना पड़ा प्रदर्शन

सफाई के अभाव में एक दर्जन से अधिक गांवों के किसानों के लिए अभिशाप बनी कमासिन ड्रेन


मुंगराबादशाहपुर,जौनपुर। विकासखण्ड के भीखपुर,रामचौकी, बिझवनिया का पूरा गोरैयाडीह के साथ ही आसपास के गांवों व मुंगराबादशाहपुर नगर में जलभराव की समस्या से निजात दिलाने हेतु बनवाया गया कमासिन ड्रेन विभागीय जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सफाई के अभाव में लोगों के लिए अभिशाप बन गई है। 

यद्यपि इसकी सफाई कराने हेतु जून 2020 में तत्कालीन विधायक सुषमा पटेल ने अधिशासी अभियंता सिंचाई जौनपुर से कार्यवाही करने की अपील की थी। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई तो तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह को पत्र लिखकर कार्यवाही करने की मांग की। जिसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता सिंचाई को कार्यवाही करने का निर्देश जारी किया था। लगभग दो वर्ष बाद बीते 13 मई को उक्त ड्रेन का स्थलीय निरीक्षण करने हेतु आए सहायक अभियंता रिपुंजय मौर्य ने बताया कि लगभग 26 लाख की लागत से ग्राम राम चौकी से मुंगर डीह तक लगभग छः किमी तक कमासिन ड्रेन की सफाई कराई जाएगी। जिससे बारिश में जलजमाव की समस्या से निजात मिलेगी। शासन द्वारा कमासिन ड्रेन की सफाई हेतु लम्बा चौड़ा बजट स्वीकृत किए जाने के बाद कमासिन ड्रेन की सफाई मुंगराबादशाहपुर नगर के कटरा मोहल्ले से गुड़हाई तक नहीं कराई गई। जिससे एक ओर जहां सफाई कराने की उपयोगिता पर सवाल खड़े हो गए। वहीं दूसरी ओर नन्दौत,चकरा, भीखपुर राम चौकी,  बिझवनिया का पूरा,गोरैयाडीह सहित दर्जनों दर्जनों गांवों में हुए जलभराव से सैकड़ों एकड़ भूमि की फसल जलमग्न हो गई। भारी बारिश से जलभराव की समस्या से जूझ रहे सैकड़ों की संख्या में एकत्रित ग्रामीणों ने बीते गुरुवार को कटरा मोहल्ले स्थित पुलिया पर एकत्रित हो कर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करने लगे। जिसके कारण मौके पर आए सभासद को अपनी ओर से नाले की सफाई कराने का आश्वासन देना पड़ा। सूत्रों की मानें तो कटरा मोहल्ले में नाले की आराजी पर किए गए अवैध कब्जे तथा नाले में डाले जाने वाले कूड़ा करकट जहां जलनिकास को बाधित कर दिए हैं वहीं दूसरी ओर सत्ता की हनक पर सफाई के बजट को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने हेतु कटरा मोहल्ले से गुड़हाई तक नाले की सफाई कराने को हाशिए पर डाल दिया गया। बताया जाता है कि भ्रष्टाचार की बहती गंगा में हाथ धोते हुए ठेकेदार भी कटरा से गुड़हाई तक का भाग छोड़ कर सफाई हेतु आगे बढ़ गया। जिसके कारण कटरा मोहल्ले से गुड़हाई तक नाला मलबे तथा उगे जलकुंभी में जलभराव की समस्या की जड़ बनें रह गए। बताया जाता है कि उक्त नाले की सफाई कराने का श्रेय लेने वालों के लिए पैदा हुई जलभराव की समस्या उनके गले की फांस बन कर" भई गति सांप छछूंदर केरी " कहावत को चरितार्थ कर रही है। जिसे लेकर लोगों में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है।

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