हिंदीसंवाद ब्यूरो चीफ प्रीतम शुक्ला की रिपोर्ट

*हर घर जल योजना की ओर यूपी के बढ़ते कदम, गांव कई बीमारियों से मुक्त होंगे*

उत्तरप्रदेश में हर घर को शुद्ध पीने का पानी मुहैया कराने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी क्रम में हर घर नल जल योजना से एक ओर जहां प्रदेश के गांव में पीने के साफ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है. वहीं इससे महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण भी हो रहा है.


लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 नवंबर 2020 को उत्तर प्रदेश में ‘हर घर नल योजना‘ का शुभारंभ किया था. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के उन जिलों के लिए यह योजना लांच की है, जहां पानी की समस्या लगातार विकराल रूप लेती जा रही थी. यह मिशन वर्ष 2024 तक ''कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन'' (FHTC)के माध्यम से लागू की जा रही है. इसमें प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति हर दिन 55 लीटर पानी की आपूर्ति की जानी है.

*शुद्ध पेयजल की आपूर्ति तय होगी*

जल जीवन मिशन का उद्देश्य जल को आंदोलन के रूप में विकसित करना है, ताकि इसे लोगों की प्राथमिकता बनाया जा सके. जल जीवन मिशन के अंतर्गत शुरू की गयी इस योजना उद्देश्य उत्तर प्रदेश दूर-सुदूर, आदिवासी क्षेत्रों में पाइप के माध्यम से शुद्ध पहुंचाना है. इससे वहां के लोगों को नदी और कुओं का फ्लोराइड युक्त अशुद्ध जल पीने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा.

प्रदेश में कुल परिवारों की संख्या 2 करोड़ 64 लाख 27 हजार 705 है. 15 अगस्त 2019 से पहले यूपी में 5 लाख 16 हजार 221 (1.94 प्रतिशत) परिवारों में फंक्शनल हाउस होल्ड कनेक्शन (FHTC)थे. 31 अगस्त 2022 तक यूपी में 43 लाख 62 हजार 765 परिवारों में फंक्शनल हाउस होल्ड कनेक्शन(FHTC)दे दिये गये हैं. जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश के 45 हजार से अधिक गांवों में हर घर जल का काम तेज गति से पूरा किया जा रहा है. इन गांव में रहने वाली 1 करोड़ 53 लाख 87 हजार 180 से अधिक की जनसंख्या हर घर योजना से लाभान्वित होगी.

महिलाओं का हो रहा आर्थिक सशक्तिकरण

स्वच्छ पेयजल के लिए महिलाएं फिल्ड टेस्ट किट पानी की जांच करती हैं. फील्ड टेस्ट किट से 15 लाख 41 हजार 236 परीक्षण पूरे किए गए. महिलाओं को पानी के हर सैम्पल की जांच के लिए 20 रुपये भी दिये जा रहे हैं. जल जीवन मिशन के तहत सूखाप्रभावित क्षेत्रों, जल गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी तथा जापानी इंसेफेलाइटिस/ उग्र-एन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम से प्रभावित जिलों को प्राथमिकता पर रखा गया है. इससे ग्रामीण इलाकों को दस्त, हैजा, टायफायड, मलेरिया, डेंगू, चमड़ी का कैंसर, दांतों में फ्लोरोसिस, हड्डियों का फ्लोरोसिस, किडनी में स्टोन, पाचन तंत्र संबंधी बीमारियों से निजात मिलेगी.

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