गंगा में पिछले चार दिन से जारी उफान सोमवार थमा लेकिन तटीय क्षेत्र के लोगों की परेशानियों में कोई विराम नहीं आया। बाढ़ का पानी घुसने के कारण बड़ी संख्या लोग बेघर हो गए हैं। वरुणा पार इलाके में अभी भी पलायन जारी है। अब तक की स्थिति ये है कि करीब एक से डेढ़ हजार मकान डूब चुके हैं। उन्होंने नाते-रिश्तेदारों और जिला प्रशासन के राहत केंद्रों में पनाह ली है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दीं। उनकी आजीविका पर संकट हैमिर्जापुर में जलस्तर घटने से बनारस में भी राहत की उम्मीद जगी है। हालांकि स्थिति पलट भी सकती है। जलस्तर में घटाव जरूर हो गया मगर गंगा, वरुणा और गोमती के तटवर्ती क्षेत्रों में दुश्वारियों का स्तर बढ़ता जा रहा है। इधर, पहले से ही सभी घाटों का संपर्क टूटा है। महाश्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह स्थल बदलना पड़ा है।बाढ़ की वजह से घाटों के किनारे के 1500 से ज्यादा नाव संचालकों का काम ठप है। वहीं, 2000 से ज्यादा कई प्रकार के दुकानदारों का कारोबार ने शट डाउन ले लिया है। 

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