उत्तर प्रदेश// भारत त्योहारों का देश है।यहां हर धर्म के लोग साल भर विभिन्न रीति रिवाजों से अलग अलग मान्यता और सांस्कृतिक रूप से त्योहारों को विशेष रूप से मनाते हैं।
भारत मे त्योहारों के आयोजन के पीछे कोई न कोई धार्मिक सांस्कृतिक और प्राचीन कारण अवश्य छिपे होते हैं।
यहां देवी देवता मानव और महापुरुषों और जीवो के मान सम्मान में ऐसे आयोजनों का होना आम बात है।
 मंगलवार 2 अगस्त को भारत मे नाग पंचमी का त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जा रहा है। नागपंचमी त्योहार को भगवान शेषनाग को समर्पित करते हुए नाग पूजा का विशेष आयोजन किया जाता है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सुबह से ही भगवान शेषनाग के पूजन अर्चन का आयोजन विशेष रूप से किर दिया जाता है।इसमें सबसे पहले गोबर से पूरे घर की दीवालों पर बंधन बनााया जााता है ।तत्पश्चात देवी देवता के स्थानों और नाग देवता को दूूध और लावा चढ़ाया जााता है। जिससे नाग देवता आशीर्वाद बनाये रखें।
ऐसी मान्यता है कि नागदेवता देवताओ के भाई हैं।नाग देवता भगवान शिव के प्रथम गण हैं।नाग देवता ने ही इस धरती और संसार को अपने फन पर धारण किया हुआ है।
 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नाग देव की पूजा करने से ग्रहों को मजबूती मिलती है।कुंडली मे शांति और समृद्धि का प्रभाव बढ़ता है।
इसलिए हिन्दू धर्म मे नाग पूजा के लिए विशेष महत्व है। कुंडली मे कालसर्पदोष के निवारण के लिए नाग मंचमी का अपना अलग ही महत्व है।
इस साल के नागपंचमी का अलग महत्व ही है।ऐसी मान्यता हैकि इस साल का यह पर्व पर विशेष संयोग बन रहा है।


उमेश चन्द्र तिवारी

9129813351
हिन्दीसंवाद न्यूज़
उत्तर प्रदेश

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