खतरे के लाल निशान का रुख कर चुकी गंगा अब शहर में घुसने को आतुर हैं। दशाश्वमेध घाट पर सड़क के बीच अब सिर्फ दो सीढ़ियों का फासला रह गया है। जबकि गंगा से सटे निचले इलाकों में पानी नालों के जरिए आगे बढ़ने लगा है। बढ़ता जलस्तर चेतावनी बिंदु से महज 47 सेंटीमीटर एवं खतरे के निशान से 1.47 मीटर दूर है।        गंगा में बढ़ाव के चलते उसकी सहायक नदी वरुणा में पलट प्रवाह तेज हो गया जिसके कारण तटवर्ती इलाकों की आबादी का पलायन लगातार जारी है। साथ ही कई परिवार गृहस्थी के सामान सहित मकान के ऊपरी तल पर खुद को सुरक्षित करने की जुगत में लगे रहे। पानी निचले इलाकों के रास्तों और घरों में प्रवेश करने लगा है। वरुणा का पानी करीब तीन मीटर बढ़ चुका था। इससे हुकुलगंज, बघवानाला, नक्खीघाट, तालीम नगर, अंसार नगर, मीरा घाट, नई बस्ती, पुलकोहना, शक्कर तालाब, अमरपुर, मड़िया सहित आसपास के नीचले इलाकों में रहने वाले लोग प्रभावित होने लगे हैं। नक्खी घाट निवासी अनीता देवी, अमित कुमार, सुक्खु, दिलीप, किट्टू सहित दर्जनों लोगों के मकान में बाढ़ का पानी घुस चुका है। वहीं, बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर बाढ़ राहत चौकियों की कवायद शुरू हो गयी है।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने