उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से लखनऊ तक, लखनऊ से दिल्ली तक बीजेपी के ब्रांड एंबेसडर से लेकर मुख्यमंत्री की पदवी दिलाने वाला हिंदू युवा वाहिनी संगठन अब पूरी तरह से खत्म हो गया है। खुद योगी आदित्यनाथ ने इसे पूरी तरह से भंग करने का ऐलान कर दिया। अब इस संगठन की कोई इकाई नहीं रहेगी।

20 साल पहले बनी थी हिंदू युवा वाहिनी
गोरखपुर में रखी गई थी वाहनी की 

उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ की कई और पहचान थी, इनमें से योगी की पहचान थी ‘हिंदू युवा वाहिनी’ संगठन। अब ये संगठन पूरी तरह से खत्म हो गया है अब पूरी तरह से इस संगठन की सभी इकाइयां खत्म हो गई हैं, चाहे वह जनपद की हो या प्रदेश स्तर की, अब हिंदू युवा वाहिनी की कोई इकाई नहीं रहेगी। योगी आदित्यनाथ ने पहले ही इस संगठन को भंग करने का निर्देश दे दिया था, लेकिन छिटपुट तौर पर इसकी कई इकाइयां काम कर रही थी आज के बाद से अब हिंदू युवा वाहिनी जैसा कोई संगठन नहीं होगा, इसे पूरी तरीके से खत्म माना जाएगा।

हिंदू युवा वाहिनी वो संगठन है जिसकी नींव खुद योगी आदित्यनाथ ने रखी थी। इसकी संगठन की शुरुआत गोरखपुर में करीब 20 साल पहले हुई थी। योगी आदित्यनाथ का खुद भी गोरखपुर से गहरा संबंध है। वह गोरखपुर मठ के महंत हैं और वहां से सांसद भी चुने गए। योगी आदित्यनाथ का अध्यात्म की दुनिया से राजनीति में आना,गोरखपुर और यहां से ही संचालित हिंदू यूवा वाहिनी संगठन से ही संभव हुआ।

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