मथुरा ।।वृन्दावन।राम नगर कॉलोनी स्थित श्री आचार्य कुटी में सप्त दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया जा रहा है।जिसका विश्राम 11 जुलाई को संत-विद्वत सम्मेलन के साथ होगा।
इस अवसर पर आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी रामप्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि गुरु पूर्णिमा हमारी सनातन संस्कृति का उद्घोषक पर्व है।यह पर्व जगद्गुरु माने जाने वाले महर्षि वेदव्यास को समर्पित है। महर्षि वेदव्यास का जन्म गुरु पूर्णिमा के दिन ही हुआ था।गुरु पूर्णिमा के दिन ही उन्होंने ब्रह्मसूत्र की रचना की थी। साथ ही समस्त वेद ऋचाओं का संकलन करके उन्हें चार भागों में बांटा था। 
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि गुरु तत्व की महिमा सभी छ: शास्त्रों व अठारह पुराणों में मुक्त कंठ से गाई गई है।गुरु को ईश्वर से भी अधिक उच्च माना गया है। क्योंकि ईश्वर से मिलाने वाले गुरु ही होते हैं। 
अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ ने कहा कि पृथ्वी पर अवतार लेने के बाद भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण ने भी गुरु का आश्रय ग्रहण किया था। इसके अलावा स्वामी विवेकानंद,स्वामी दयानंद,संत कबीर,रैदास,दादू आदि महान विभूतियां गुरु शरण में ही जाकर निखरी थी। वस्तुत: गुरु एक संजीवनी बूटी के समान है। क्योंकि वह हम सभी की समस्त समस्याओं का समाधान करते हैं।
इस अवसर पर श्रीराम कथा के यशस्वी प्रवक्ता भानुदेवाचार्य महाराज,मधुसूदनाचार्य,युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,पंडित जगदीश नीलम, पंडित रमेशचंद्र विधिशास्त्री आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया। सायंकाल सरस भजन संध्या का आयोजन किया गया। साथ ही रासलीला का भी अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन हुआ। 

राजकुमार गुप्ता 

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