मथुरा। अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश न्यायालय पोक्सो एक्ट विपिन कुमार की अदालत में आज वृंदावन के एक मामले में अभियुक्त राहुल को दोषी मानते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है तथा ग्यारह हजार रुपये के अर्थदंड के भी आदेश दिए हैं।
इस केस की सरकार की ओर से पैरवी कर रही स्पेशल डीजीसी श्रीमती अलका उपमन्यु एडवोकेट ने जानकारी देते हुए बताया कि थाना वृन्दावन अंतर्गत अपराध संख्या 28/2020 मैं पीड़िता की मां ने इस प्रकरण की रिपोर्ट वृंदावन कोतवाली में दर्ज कराई थी सुबह उसकी नाबालिक पुत्री जब घर के बाहर सामान लेने गई थी, जब वह काफी देर तक नहीं लौटी तो उसे तलाश किया गया। लोगों ने बताया कि मेरी पुत्री को राहुल बहला-फुसलाकर ले गया है। उसके परिजनों ने बताया कि राहुल गुजरात गया है। इस मामले में लड़की की मां द्वारा राहुल सहित कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस द्वारा दबाव बनाया गया तो राहुल 4 जनवरी 2020 को 6 बजे के करीब पीड़ित लड़की को इस्कॉन मंदिर पर छोड़ गया। पुलिस व न्यायालय ने पीड़िता के 164 के ब्यान दर्ज किए। यहां उसने बताया कि राहुल ने स्टेशन पर मेरे साथ गलत कार्य किया। जिसमें कुछ अन्य लड़के भी थे। पुलिस द्वारा जांच में अन्य लड़कों की मौजूदगी नहीं पाई सिर्फ राहुल के खिलाफ ही चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई। 
इस केस की पुलिस ने जांच कर विभिन्न धाराओं में चार्ज शीट कोर्ट में प्रेषित की जिस पर अभियुक्तों के वकीलों ने और सरकार की ओर से स्पेशल डीजीसी श्रीमती अलका उपमन्यु एडवोकेट ने बहस की जिसमें आज अदालत ने अभियुक्त को दोषी मानते हुए सजा सुना दी है शेषन कोर्ट संख्या 510/20-20 अभियुक्त राहुल को धारा 363 में पांच वर्ष के कठोर कारावास व एक  हजार रुपये का अर्थदंड,धारा 376 में दस वर्ष की कठोर कारावास व पांच हजार रुपये का अर्थदंड पोस्को अधिनियम 2012 की धारा 4 में सात वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रुपये का अर्थदंड। अर्थदंड का भुगतान न करने पर उसकी एवज में दोषी को सभी धाराओं में अलग-अलग अतिरिक्त कारावास की भी सजा सुनाई गई है ये सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी अभियुक्त को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है। अभियुक्त द्वारा जेल में बिताई गई अवधि इस सजा में समायोजित की जाएगी। 

राजकुमार गुप्ता 

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