e-SHRAM: ई-श्रम पोर्टल पर 20 करोड़ रजिस्ट्रेशन, इसमें ओबीसी सबसे आगे, जानें क्या हैं ई-श्रमिक कार्ड के फायदे
           गिरजा शंकर विद्यार्थी ब्यूरों
ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या 19 करोड़ 98 लाख 52 हजार 744 पर पहुंच गई है। यह आंकड़े 7 जनवरी यानी आज सुबह तक के हैं। इनमें से सबसे ज्यादा पंजीकरण ओबीसी ने कराया है।
ई-श्रमिक कार्ड पाने वालों में ओबीसी 45.29 फीसद, सामान्य वर्ग के कामगार 25.80 फीसद, एससी 21.98 फीसद और एसटी 6.93 फीसद हैं।

e-SHRAM card के फायदे

ई-श्रम कार्ड पूरे देश में स्वीकार्य है। इसके कई फायदे हैं, पोर्टल से जुड़ने वाले श्रमिकों को जहां यूपी सरकार मार्च तक 500 रुपये महीना दे रही है, वहीं रजिस्ट्रेशन के बाद श्रमिकों को दुर्घटना बीमा की भी सुविधा मिलती है। PMSBY के तहत आंशिक विकलांगता पर 1 लाख रुपये और स्थायी विकलांगता पर 2 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलेगा।

यूपी में रजिस्ट्रेशन 7 करोड़ के पार

अगर राज्यों की बात करें तो योगी सरकार द्वारा श्रमिकों को हर महीने 500 रुपये देने की घोषणा के बाद रजिस्ट्रेशन की ऐसी बाढ़ आई कि यहाँ संख्या 7.27 करोड़ के पार पहुंच गई। अभी इसी सोमवार को योगी सरकार ने मज़दूरों के खातों में 1000-1000 रुपये डाला था। अब यहां ई-श्रमिक कार्ड बनवाने वालों की संख्या 7 करोड़ 27 लाख से अधिक हो गई है। दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल 2.39 करोड़ श्रमिकों के साथ है। बिहार तीसरे नंबर पर और चौथे पर ओडिशा है।

e-SHRAM: आपके खाते में आए हैं 1000 रुपये, ऐसे करें चेक

अगर उत्तर प्रदेश के जिलों की बात करें तो सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन प्रयागराज में हुए हैं। यहां 20.50 लाख श्रमिकों के ई-श्रमिक कार्ड हैं। दूसरे नंबर पर जौनपुर है, यहां 19.13 लाख लोग ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं। सीतापुर तीसरे, बरेली चौथे और लखीमपुर-खीरी पांचवें नंबर पर है। गोरखपुर छठे, आजमगढ़ सातवें, हरदोई आठवें, आगरा नौवें और प्रतापगढ़ 10वें स्थान पर है।

यूपी से हैं तो चेक करें अपना बैंक अकाउंट

अगर आप रिसेप्शनिस्ट, पूछताछ वाले क्लर्क, ऑपरेटर या मंदिर के पुजारी हैं, या फिर कंस्ट्रक्शन वर्कर, प्रवासी श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर, घरेलू कामगार, कृषि श्रमिक या दूसरे कोई भी कामगार हैं। अगर ईएसआईसी या ईपीएफओ के सदस्य नहीं हैं और ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं तो अपना अकाउंट जरूर चेक कीजिए। अगर आप उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं तो आप जैसे 1.50 करोड़ श्रमिकों के खातों में योगी सरकार ने 1000-1000 रुपये भेज दिया है।

कौन बनवा सकता है कार्ड

हर दुकान का नौकर / सेल्समैन / हेल्पर, ऑटो चालक, ड्राइवर, पंचर बनाने वाला, चरवाहा, डेयरी वाले, सभी पशुपालक, पेपर का हॉकर, जोमैटो स्विगी के डिलीवरी बॉय, अमेज़न फ्लिपकार्ट के डिलीवरी बॉय (कूरियर वाले), नर्स, वार्डबॉय, आया, ट्यूटर, घर का नौकर - नौकरानी (काम वाली बाई), खाना बनाने वाली बाई (कुक), सफाई कर्मचारी, गार्ड, ब्यूटी पार्लर की वर्कर, नाई, मोची, दर्ज़ी ,बढ़ई , प्लम्बर, बिजली वाला (इलेक्ट्रीशियन), पुताई वाला (पेंटर), टाइल्स वाला भी रजिस्ट्रेशन करवा सकता है।

किस क्षेत्र के कामगारों ने कराया सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन, देखें टेबल

 
इनके अलावा वेल्डिंग वाला, खेती वाले मज़दूर, नरेगा मज़दूर, ईंट भट्ठा के मज़दूर, पत्थर तोड़ने वाले, खदान मज़दूर, फाल्स सीलिंग वाला, मूर्ति बनाने वाले, मछुआरा, रेजा, कुली, रिक्शा चालक, ठेले में किसी भी प्रकार का सामान बेचने वाला (वेंडर), चाट ठेला वाला, भेल वाला, चाय वाला, होटल के नौकर/वेटर, रिसेप्शनिस्ट, पूछताछ वाले क्लर्क, ऑपरेटर, मंदिर के पुजारी, विभिन्न सरकारी ऑफिस के दैनिक वेतन भोगी यानी वास्तव में आपके आसपास दिखने वाले प्रत्येक कामगार का यह कार्ड बन सकता है।

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