*पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आन्दोलन के आह्वान पर हुआ एनपीएस अधिसूचना का दहन* 

 _अंशदायी पेंशन योजना पीड़ित कर्मचारियों ने काली पट्टी बाँधकर जताया विरोध_ 

हिन्दी संवाद न्यूज,रणजीत जीनगर सिरोही,(राजस्थान)

 सिरोही:- नेशनल मूवमेंट के प्रदेश अध्यक्ष कोजाराम सियाग ने कहा कि एन.एम.ओ.पी.एस. राजस्थान की राज्य कार्यकारिणी में लिए गए निर्णयानुसार राज्य के सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों व शहरी क्षेत्र में सरकारी कार्यालयों के बाहर कर्मचारियों द्वारा एन.एम.ओ.पी.एस के आह्वान पर 14 जनवरी 2004 की राजस्थान सिविल सर्विसेज (पेंशन) नियम 1996 में बदलाव के लिए वित्त विभाग के नोटिफिकेशन का दहन (होली) किया गया। सभी कर्मचारियों ने बाजू पर दिनभर काली पट्टी बाँधकर काम किया व शाम को 4:00 बजे अधिसूचना का दहन करते हुए एन.एम.ओ.पी.एस का पोस्टर/बैनर लहराकर आंदोलन का ग्राम पंचायत व कार्यालय स्तर तक प्रसार किया। आंदोलन हेतु पंचायत /विभाग स्तर पर संयोजक का मनोनयन किया तथा एक रजिस्टर में रिकॉर्ड मेंटेन करते हुए मूवमेंट को नई गति प्रदान की। 
     सियाग ने बताया कि राजस्थान में 14 जनवरी 2004 को राजस्थान सिविल सर्विसेज (पेंशन) नियम 1996 में संशोधन के सम्बंध में राज्यपाल के पावर के अंतर्गत वित्त विभाग ने नोटिफकेशन एफ.15(7) एफ डी(रूल्स)/97 दि. 14/01/2004 जारी किया था। जिसके फलस्वरूप आज ये विरोध प्रदर्शन किया गया है।
    नेशनल मूवमेंट के प्रदेश महासचिव जगदीश यादव ने बताया कि 2004 के बाद के समस्त राज्य कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम दी जा रही है जो शेयर मार्केट पर आधारित है, जो पीड़ित कर्मचारियों पर एक कुठाराघात है जिसके कारण कर्मचारियों व उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित नहीं हैं। जो राज्य कर्मचारियों के परिवार के साथ खिलवाड़ है।
   पुरानी पेन्शन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रदेश सचिव मनोज नालिया ने बताया कि नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के बेनर तले सम्पूर्ण राजस्थान में 14 जनवरी को सभी पीईईओ, ब्लॉक व जिला मुख्यालयों पर समस्त अंशदायी पेंशन पीड़ित कर्मचारियों द्वारा काली पट्टी बांधकर एनपीएस के विरोध व पुरानी पेन्शन योजना के समर्थन में प्रदर्शन किया। 
     राष्ट्रव्यापी आंदोलन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयकरण खिलेरी ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री जी से मिलकर विस्तृत रूप से एनपीएस के दुष्प्रभाव तथा एनपीएस व ओपीएस में अंतर से अवगत कराकर पुरानी पेंशन के समर्थन में निर्णय लेने के लिए प्रयास किया जायेगा। सभी शान्तिपूर्ण प्रयासों के बाद भी अगर सरकार इस सम्बंध में कोई निर्णय शीघ्र नही लेती है तो आंदोलन उग्र रूप धारण करेगा, जिसकी सभी जिम्मेदारी राज्य एवं केंद्र सरकार की होगी। 
     प्रदेश सचिव मनोज नालिया ने आह्वान करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन बहाली तक  प्रदेशभर के समस्त एनपीएस पीड़ित कर्मचारी एकजुट होकर समय समय पर वर्तमान सरकार के सामने अपनी वाजिब माँग रखेंगे और ज्ञापन, रैली व धरना प्रदर्शन आदि द्वारा शांतिपूर्ण आंदोलन के माध्यम से कर्मचारियों में व्याप्त आक्रोश को राज्य व केंद्र सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगें।
      जिला सरंक्षक राव गोपालसिंह पोसालिया व डॉ. उदयसिंह डिंगार ने आक्रोश जताते हुए कहा कि नवीन पेंशन योजना के नाम पर कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा खत्म किया जा रहा है, उनसे उनका बुनियादी हक छीना जा रहा है। वंही दूसरी तरफ विधायकों, सांसदों के वेतन, भत्ते लगातार बढ़ते जा रहे हैं, उन्हें आज भी पेंशन देय है। फिर कर्मचारियों को इससे वंचित क्यों किया जा रहा है? संगठन का एक ही नारा है, पुरानी पेंशन हक हमारा है। ज्ञातत्व है कि 2004 के बाद  के समस्त राज्य कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम दी जा रही है जो शेयर मार्केट पर आधारित है, जो पीड़ित कर्मचारियों पर एक कुठाराघात है जिसके कारण कर्मचारियों व उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित नहीं हैं। जो राज्य कर्मचारियों के परिवार के साथ खिलवाड़ है। सिरोही जिला टीम के जिला समन्वयक जीवतदान चारण, सहसमन्वयक संजय नारनोलिया, जिला महामंत्री परेश गर्ग, मंत्री डॉ. राजेश कुमार, सहसंयोजक श्रीकांत चुलेट, कोषाध्यक्ष इंदरमल पुरोहित, प्रवक्ता केशव त्रिवेदी, संयुक्त मंत्री शक्तिसिंह राठौड़, मीडिया चेयरपर्सन राजूराम खारड़िया सहित एनपीएस पीड़ित पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने जिलेभर में अपना सम्पूर्ण सहयोग व समर्थन किया है।


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