#MTHitHindiPoit
रहो खुशी से प्रेम से जितना भी साथ है।
मिलना बिछड़ना तो किस्मत की बात है।।

मुट्ठियों में भर लो इस दिन के उजाले को।
यही बस वक्त सुनहरा है आगे तो रात है।।

रहना है एक घर में तो रहिए नेक बन के।
फिर बात बात पर क्यों ये मुक्का लात है।।

वो भर गए हवा तुम फट पड़े अचानक।
दुनिया की बड़ी बीमारी यह रोग वात है।।

जो लिया यहां से यही पर छूट जाना है।
ये किराए का मकान है तेरा जो गात है।।

संस्कार हीन होकर क्या संतति को दोगे।
वो भी करेगी बदज़ुबानी ये शक्तिपात है।।

आज हर आदमी बना शतरंज का मोहरा।
क्या हो रहा दुनिया में यह सबको ज्ञात है।।

आसान नहीं चबाना तीखे हों दांत कितने।
ये मत समझ लेना सब कुछ दाल भात है।। 

पहुंचे हो इस मकाम पे इतना न अकड़िए।
मुक्त है समय तुम्हारा दुनिया यातायात है।।

- मुक्ता मुक्त

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