अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष व कृषि कानूनों पर केन्द्र सरकार से बातचीत करने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय समिति के सदस्य डॉ. अशोक धावले ने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में किसान संगठन भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे। विधानसभा की प्रत्येक सीट का आकलन किया जा रहा है। जिस सीट पर जो दल या निर्दल प्रत्याशी भाजपा के खिलाफ मजबूत दिखेगा, उसको किसान संगठनों का समर्थन रहेगा।रविवार को अंधरापुल स्थित एक होटल में प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि 15 जनवरी को दिल्ली में सभी किसान संगठनों के पदाधिकरियों की बैठक होगी। उसमें आगे की रणनीति तय होगी। डॉ. धावले ने कहा कि चुनाव में किसानों का मुद्दा निर्णायक होगा। नये कृषि बिल को वापस लेने की घोषणा से साफ है कि सरकार और भाजपा को भी इसका एहसास हो चुका है। उन्होंने कहा कि मजदूरों व युवाओं को रोजगार न मिलने का मुद्दा भी उठेगा।

डॉ. अशोक धावले ने कहा कि यूपी में किसान परेशान हैं। खाद की कालाबाजारी हो रही है। खाद की कीमतें आसमान छू रही हैं। उन्होंने कहा कि देश में सात वर्षों के दौरान एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। इससे सरकार की किसानों के प्रति सोच उजागर हो जाती है। सीपीएम के प्रदेश सचिव डॉ. हीरालाल यादव ने कहा कि सभी वामपंथी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे। 21 दिसंबर तक सभी दलों से प्रत्येक सीट की आकलन रिपोर्ट मांगी गई है।

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