कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को आलू फसल का उत्पादन बढाने तथा कीटों से बचाने की दी जानकारी



बहराइच।आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच प्रथम द्वारा ग्राम धरमकुन्डा विकास खण्ड चितौरा  कृषक के आलू के प्रक्षेत्र पर भ्रमण कर बुआई लगभग 25 -30 दिन हो गयी है। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक /अध्यक्ष डॉ बी पी शाही आलू की दिसम्बर माह कृषक भाई करे जिससे कि आलू की उत्पादन अच्छा मिल सके। इस समय 100 किग्रा प्रति एकड़ की दर से यूरिया का प्रयोग मिट्टी चढ़ाते समय करे। उर्वरको का प्रयोग नालियो में इस प्रकार करें कि कन्द उर्वरको के सीधे सम्पर्क में न जाये।अगर उर्वरको को नालियो में प्रयोग करना असंभव हो तो उर्वरको को खेत में छितरा कर प्रयोग करे।।छितराने की अवस्था में उर्वरको की मात्रा 25 प्रतिशत बढ़ा कर करे।मिट्टी चढ़ाने के 2-3दिन बाद सिचाई करे।फसलावधि के दौरान कम से कम तीन बार पहली निराई बीजाई 20-25 दिनो के बाद मिट्टी चढ़ाने के पहले करे। दूसरी निराई बीजाई के 50-55 दिनो के अन्तराल पर करे।ध्यान रहे कि निराई के दौरान समस्त रोगी पौधो को जड़ कन्द सहित निकाल दे। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा पी के सिंह ने बताया कि  दिसम्बर माह के दौरान माहू(एफिड) आलू की फसल पर पडता है ।इनसे बचाव हेतु प्रति एकड़ 4किग्रा की दर फोरेट 10जी जैसे दानेदार कीटनाशको का प्रयोग मिट्टी चढ़ाते समय करें । जब फसल पर माहू दिखाई पडे तो इमिडाक्लोरोपिड दवा 1मिली प्रति लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करें । दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में मेन्कोजेब 2ग्राम प्रति लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करें जिससे पिछेती झुलसा का कुप्रभाव से बचा बचा सकतें है ।छिडकाव करते समय यह ध्यान मे रखकर करे कि पतियाँ पूरी तरह से रसायनिक घोल से भीग जाय। अगर 2-3 दिन लगातार बादल छाए रहे तो दवाई का छिड़काव 8-10दिन बाद दुबारा करे। पिछेता झुलसा रोग दिखाई पड़े तो रिडोमिल दवा 2ग्राम प्रति लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करें । अगर फसल पर पर किसी समय पत्ती भझी कीट का प्रकोप दिखाई पड़े तो मोनोक्रोटोफास दवा 2मिली प्रति लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करें । वरिष्ट वैज्ञानिक डा शैलेन्द्र सिह  अगर फसल 40-45 दिन की हो जाय तो एन पी के 18:18:18 की 1किग्रा प्रति एकड के हिसाब 150-200लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करें । सही समय पर खाद एवं उर्वरक और सूक्ष्म पोषक तत्व की मात्रा एवं दवाओं का छिड़काव करें जिससे आलू अधिक उत्पादन के अच्छी गुणवत्ता युक्त आलू प्राप्त कर सकते हैं ।

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