निजी वैन चालक मासूमों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कमाई की लालच में चालक सारे नियम कानून ताक पर रखे जा रहे हैं। ऐस ही एक मामला मंगलवार को प्रकाश में आया। एंबुलेंस को बदलकर उससे स्कूली बच्चों को ले जाया जा रहा था। पूरी तरह से खटारा हो चुकी एंबुलेंस पर 26 बच्चे ठूंसकर भरे गए थे। एंबुलेंस के अंदर चार सीट अलग से लगा रखी थी।परिवहन विभाग की यात्रीकर अधिकारी केकी मिश्रा अकथा के पास वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इस बीच पीले रंग की एक वैन को रोका गया। यूपी-65 बी टी-0865 वाहन नंबर को ऑनलाइन जांच की गई तो पता चला यह एंबुलेंस है और एक इंश्योरेंस कंपनी के नाम रजिस्टर्ड है। मौके पर चालक अन्य कागजात नहीं दिखा पाया। इस पर यात्रीकर कर अधिकारी ने प्रर्वतन दल के दो सिपाहियों की मदद से बच्चों को उनके घर भिजवाया। इसके बाद एंबुलेंस को परिवहन कार्यालय में सीज कर दिया।

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